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When is Shardiya Navratri in 2022: शारदीय नवरात्रि कब है 2022, जानिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

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Shardiya Navratri 2022 Date


When is Shardiya Navratri in 2022:  शारदीय नवरात्रि का त्योहार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मनाया जाता है और इसके अगले दिन यानी दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना (Navratri Kalash sthapna) के साथ ही देवी शैलपुत्री की पूजा (Shailputri Puja) की जाएगी। इसके बाद दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा (Brahmacharini Puja),तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा (Chandraghanta Puja),चौथे दिन देवी कूष्माण्डा की पूजा (Kushmanda Puja),पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा (Skandmata Puja),छठे दिन देवी कत्यायिनी की पूजा (Katyayini Puja),सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा (Kalratri Puja),आठवें दिन देवी महागौरी की पूजा (Mahagauri Puja) और नवें दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा विधि विधान (Siddhidatri Puja Vidhi) के साथ की जाएगी। शारदीय नवरात्रि को महानवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। शारदीय नवरात्रि में नवमी तिथि के दिन छोटी छोटी कन्याओं को मां का रूप मानकर कन्या पूजा की जाती है और उनसे आर्शीवाद लिया जाता है तो आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि 2020 कब है, शारदीय नवरात्रि 2022 का घटस्थापना शुभ मुहूर्त, शारदीय नवरात्रि का महत्व, शारदीय नवरात्रि की पूजा विधि और शारदीय नवरात्रि व्रत विधि के बारे में...

शारदीय नवरात्रि का महत्व (Shardiya Navratri Ka Mahatva) 

अश्विन मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को शुरु होने वाले नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इन नवरात्रिों को अश्विन नवरात्रि भी कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के सभी नौ रुपों की पूजा की जाती है। यह नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से शुरु होकर नवमी तिथि तक चलते हैं और इसके अगले दिन विजयदशमी का त्योहार मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि 4 बार आतें हैं जिनमें दो गुप्त नवरात्रि होते हैं और दो बार के नवरात्रि जिनमें चैत्र और अश्विन मास के नवरात्रि को विशेष महत्व दिया जाता है। शारदीय नवरात्रि में मां कि विधिवत पूजा और व्रत करने से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त होती है। इसके अलावा इन नवरात्रिों में मां की आराधना करने से सिद्धियों की प्राप्ति भी होती है। शारदीय नवरात्रिों में किया गया जप, तप और हवन विशेष लाभ पहुचांता है।

शारदीय नवरात्रि पूजा विधि (Shardiya Navratri Puja Vidhi)

1. शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि का दिन अत्यंत ही महत्वपूर्ण होता है। इसलिए इस दिन आपको सुबह सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए और स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

2. इसके बाद जहां आपको माता की चौकी लगानी है। उस स्थान को अच्छी तरह से साफ कर लें और एक लकड़ी की चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कर उसके ऊपर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।

3.चौकी पर वस्त्र बिछाने के बाद एक कलश लें।कलश का चुनाव आप अपनी इच्छा के अनुसार कर सकते हैं आप चाहें तो मिट्टी का कलश भी ले सकते हैं। इसके बाद कलश पर स्वास्तिक बनाएं और उस कलश में पानी भरें और फिर उस कलश में थोड़ा सा गंगाजल,सुपारी और एक रूपए का सिक्का डालें और उस कलश के मुहं पर मौली बांधें 

4. इसके बाद एक नारियल को लाल रंग की चुन्नी से लपेट कर कलश के ऊपर स्थापित करें और उस कलश को चौकी पर स्थापित कर दें। 

5. इसके बाद एक मिट्टी के बर्तन में ज्वार डालकर उसे बोएं और फिर चौकी मां दुर्गा की मूर्ति या प्रतिमा को स्थापित करें। सबसे पहले मां दुर्गा को लाल रंग की चुन्नी अर्पित करें और फिर उनका रोली से तिलक करें। मां दुर्गा का तिलक करने के बाद कलश और नारियल का भी तिलक करें।

6.तिलक करने के बाद मां दुर्गा को लाल रंग के फूलो की माला पहनाएं और उन्हें पुष्प अर्पित करें और उनके धूप व दीप जलाएं और मां दुर्गा को पांच फल, श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। 

7.इसके बाद गाय के गोबर का उपला जलाकर उस पर घी,दो लौंग,कपूर बताशे आदि की आहूति दें और इसके बाद मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और यदि संभव हो तो नवरात्रि के नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें।

8. मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करने के बाद मां दुर्गा को की कपूर से आरती उतारें और उन्हें बताशों का भोग लगाएं और पूजा स्थल से उठने से पहले मां दुर्गा से पूजा मे हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें और अंत में बताशों को प्रसाद स्वरूप घर के सभी लोगों के बीच में बांटे।

शारदीय नवरात्रि 2022 की तिथि (Shardiya Navratri 2022 Tithi)

26 सितंबर 2022  से 5 अक्टूबर 2022

शारदीय नवरात्रि 2022 घटस्थापना का शुभ मुहूर्त  (Shardiya Navratri 2022 Ghatasthapana Muhurat)

घटस्थापना मुहूर्त -  सुबह 6 बजकर 11 मिनट से सुबह 7 बजकर 51 मिनट तक (26 सितंबर 2022)

घटस्थापना अभिजित मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 48 मिनट से  दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक  (26 सितंबर 2022)

घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है।

घटस्थापना मुहूर्त, द्वि-स्वभाव कन्या लग्न के दौरान है।

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ -  सुबह 03 बजकर 23 मिनट से (26 सितंबर 2022)

प्रतिपदा तिथि समाप्त - अगले दिन सुबह 03 बजकर 08 मिनट तक (27 सितंबर 2022)

कन्या लग्न प्रारम्भ -  सुबह 06 बजकर 11 मिनट से (26 सितंबर 2022)

कन्या लग्न समाप्त - सुबह 07 बजकर 51 मिनट तक (27 सितंबर 2022)




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