Chhath Puja 2022 Date: छठ पूजा 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
Chhath Puja 2022 Date |
Chhath Puja 2022 Date: छठ पूजा का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह एक ऐसा त्योहार जिसे चार दिनों तक मनाया जाता है। इस दिन छटी मैय्या की पूजा की जाती है और उनसे अपनी संतान की रक्षा की प्रार्थना की जाती है। छठ पूजा पर सूर्यदेव की भी विशेष पूजा की जाती है। जिसमें उगते सूरज के साथ डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा का यह त्योहार बिहार और झारखंड के अलावा कई राज्यों में मनाया जाता है तो चलिए जानते हैं साल 2022 में कब है छठ पूजा (Chhath Puja 2022 Mein Kab Hai), क्या है छठ पूजा का शुभ मुहूर्त (Chhath Puja Ka Shubh Muhurat), छठ पूजा का महत्व और छठ की पूजा विधि (Chhath Puja Importance And Chhath Puja Vidhi)
छठ पूजा का महत्व (Chhath Puja Ka Mahatva)
भगवान सूर्य की आराधना साल में दो बार की जाती है। पहले उनकी पूजा चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि और दूसरी र्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन भगवान सूर्यनारायण की पूजा की जाती है। लेकिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को छठ को मुख्य पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है। छठ पूजा चार दिनों तक की जाती है। जिसे छठ पूजा, डाला छठ, छठी माई, छठ, छठ माई पूजा, सूर्य षष्ठी पूजा आदि नामों से जाना जाता है।
छठ पूजा में स्नान और दान को विशेष महत्व दिया जाता है। पुराणों के अनुसार लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम ने जिस समय राम राज्य की स्थापना की थी उस दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि थी। जिसमें माता सीता और भगवान राम ने व्रत रखा था और भगवान सूर्यनारायण की आराधना की थी। इसके बाद सप्तमी को पुन: एक बार अनुष्ठान कर भगवान सूर्य से आर्शीवाद लिया था छठ पूजा के बारे में एक और कथा प्रचलित है।
इस कथा के अनुसार सूर्य पुत्र कर्ण ने सूर्य देव की पूजा शुरू की थी। कर्ण भगवान सूर्य के बहुत बड़े भक्त थे। वह रोज कई घंटों तक पानी में खड़े रहकर भगवान सूर्य को अर्ध्य देते थे। सूर्य देव की कृपा से वह एक महान योद्धा बने थे। इसी कारण सूर्य को आज भी अर्ध्य दिया था।
छठ पूजा व्रत विधि (Chhath Vrat Vidhi in Hindi)
1. खाए नहाय: छठ पूजा का व्रत चार दिन तक किया जाता है। पहले दिन नहाने और खाने की विधि होती है। इस दिन घर की साफ- सफाई करके शुद्ध किया जाता है और शाकाहारी भोजन बनाकर ग्रहण किया जाता है।
2. खरना: दूसरे दिन छठ पूजा में खरना विधि होती है।जिसमें पूरे दिन उपवास रखा जाता है। शाम के समय गन्ने का रस या फिर गुड़ में चावल बनाकर खीर का प्रसाद बनाकर खाना चाहिए।
3.शाम का अर्घ्य: तीसरे दिन भी व्रत रखकर शाम के समय में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके लिए सभी पूजा सामग्री को लकड़ी की डलिया में रखकर घाट पर ले जाते हैं। शाम के समय में घर आकर सभी समान को उसी प्रकार रख दिया जाता है। इस दिन रात में छठी माता के गीत और व्रत की कथा भी सुनी जाती है।
4.सुबह का अर्घ्य: चौथे और अंतिम दिन सूर्योदय से पहले ही घाट पर पहुंचा जाता है और उगते सूर्य की पहली किरण को जल दिया जाता है। इसके बाद छठी माता को स्मरण और प्रणाम करने के बाद उनसे संतान की रक्षा का वर मांगा जाता है। इसके बाद घर लौटकर प्रसाद का वितरण करें।
छठ पूजा 2022 तिथि (Chhath Puja 2022 Tithi)
30 अक्टूबर 2022
छठ पूजा 2022 शुभ मुहूर्त (Chhath Puja 2022 Subh Muhurat)
सूर्योदय समय छठ पूजा के दिन - सुबह 7 बजकर 24 मिनट
सूर्यास्त समय छठ पूजा के दिन - शाम 5 बजकर 55 मिनट
षष्ठी तिथि प्रारम्भ - रात 8 बजकर 19 मिनट से (29 अक्टूबर 2022)
षष्ठी तिथि समाप्त - अगले दिन शाम 05 बजकर 57 मिनट तक (30 अक्टूबर 2022)
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