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Dev Diwali kab Hai 2022: देव दिवाली 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

 

Dev Diwali kab Hai 2022 dev diwali date and time importance and puja vidhi
Dev Diwali kab Hai 2022

Dev Diwali kab Hai 2022: देव दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान शिव ने  ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का संहार किया था। इसी कारण से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस बात की खुशी को दर्शाने के लिए देव दिवाली के दिन सभी देवता धरती पर आकर गंगा किनारे दीप प्रज्वलित करते हैं और इसी कारण से हर साल देव दिवाली का त्योहार मनाया जाता है तो चलिए जानते हैं देव दिवाली साल 2021 में कब है (Dev Diwali 2022 Mein kab Hai), देव दिवाली का शुभ मुहूर्त (Dev Diwali Shubh Muhurat), देव दिवाली का महत्व और देव दिवाली की पूजा विधि (Dev Diwali Importance And Dev Diwali Puja Vidhi)

देव दिवाली का महत्व (Dev Diwali Ka Mahatva) 

कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर देव दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली के दिन जिस प्रकार से पृथ्वीं लोक पर मनुष्य दिवाली मनाते हैं। उसी तरह से देवता भी दीप जलाकर दीपावली का पर्व मनाते हैं। दिवाली के 15 दिन बाद देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन सभी देव गंगा नदी के घाट पर आकर दीप प्रज्वलित करते हैं। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपरासुर नामक राक्षस का वध किया था।

त्रिपुरासुर ने ब्रह्मा जी की घोर तपस्या की थी और उनसे वरदान प्राप्त करके तीनों लोकों पर अपना आधिपत्य स्थापित करना चाहता था। इस समस्या के समाधान के सभी देवता भगवान शिव के पास गए। जिसके बाद भगवान शिव ने देवताओं की विनती को स्वीकार करते हुए त्रिपुरासुर का वध कर दिया।देव दिवाली कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ती है। कार्तिक मास वैसे भी त्योहारों और व्रत के लिए जाना जाता है।इसी कारण इस महीने में पूजा पाठ, जप, तप, साधना आदि करना बहुत शुभ माना जाता है। देव 

देव दिवाली पूजा विधि (Dev Diwali Puja Vidhi) 

1. देव दिवाली के दिन साधक को गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए और स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

2. इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। लेकिन इनकी पूजा से पहले भगवान गणेश की विधिवत पूजा अवश्य करें।

3.भगवान शिव को इस दिन पूजा में पुष्प, घी, नैवेद्य, बेलपत्र अर्पित करें और भगवान विष्णु को पूजा में पीले फूल, नैवेद्य, पीले वस्त्र, पीली मिठाई अर्पित करें। 

4. इसके बाद भगवान शिव और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें और देव दिवाली की कथा सुनें।कथा सुनने के बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और भगवान विष्णु की धूप व दीप से आरती उतारें। 

5.अंत में भगवान शिव और भगवान विष्णु को मिठाई का भोग लगाएं और शा्म के समय गंगा घाट पर दीपक जलाएं। यदि आप ऐसा नहीं कर सकते तो अपने घर के मुख्य द्वार पर तो दीपक अवश्य जलाएं।

देव दिवाली 2022 तिथि (Dev Diwali 2022 Tithi) 

7 नवंबर 2020

देव दिवाली 2022 शुभ मुहूर्त (Dev Diwali 2022 Shubh Muhurat) 

प्रदोषकाल देव दिवाली मुहूर्त - शाम 5 बजकर 14 मिनट से शाम 7 बजकर 49 मिनट तक 

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - शाम 4 बजकर से 15 मिनट से (7 नवम्बर 2021) 

पूर्णिमा तिथि समाप्त - अगले दिन शाम 04 बजकर 31 मिनट तक (8 नवम्बर 2021)



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