Kartik Purnima 2022 Date And Time: कार्तिक पूर्णिमा 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
Kartik Purnima 2022 Date And Time: कार्तिक पूर्णिमा को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है। यह पूर्णिमा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पड़ती है। इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के साथ भगवान कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान कार्तिकेय की शादी हुई थी। इस दिन दीप दान को विशेष महत्व दिया जाता है। इतना ही नहीं इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि इस दिन दिए गए दान को देवताओं के द्वारा स्वर्ग में सुरक्षित रखा जाता है और मरने के बाद उसका पुण्यफल स्वर्ग में दिया जाता है तो चलिए जानते हैं साल 2022 में कब है कार्तिक पूर्णिमा (2022 Mein Kartik Purnima Kab Hai), कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima Ka Shubh Muhurat), कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और कार्तिक पूर्णिमा की पूजा विधि (Kartik Purnima Importance And Kartik Purnima Puja Vidhi)
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व (Kartik Purnima Ka Mahatva)
कार्तिक पूर्णिमा को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है।इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरा नाम से राक्षस का वध किया था। जिसके कारण इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा और गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से जीवन के सभी पाप धूल जाते हैं। इसके अलावा इस दिन दीप दान भी किया जाता है। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा का दान स्वर्ग में सुरक्षित रखा जाता है और जब व्यक्ति मृत्युलोक को त्यागता है तो उसे उस दान का फल स्वर्गलोक में प्राप्त होता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन भगवान शिव के दर्शन करने से धन और ज्ञान में वृद्धि होती है। इस दिन गाय का बछड़ा भी दान करने को विशेष महत्व दिया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गाय का बछड़ा दान करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कार्तिक पूर्णिमा एक नाम महाकार्तिकी भी है। क्योंकि इस दिन भगवान शिव की पूजा तो की ही जाती है साथ ही इस दिन कार्तिक मास की पूर्णिमा भी होती है। सभी प्रकार के पुण्यफलों को प्राप्त करने के लिए यह पूर्णिमा अति विशेष मानी जाती है।
कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि (Kartik Purnima Puja Vidhi)
1. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा का विधान है।
2. भगवान कार्तिकेय को दक्षिण दिशा का स्वामी माना गया है।
3. कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी,सरोवर या जलाश्य में स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
4.इसके बाद दक्षिण दिशा में भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
5. इसके बाद उन्हें पुष्प, घी और दही आदि अर्पित करके उनके मंत्र 'देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥' का जाप करें।
6.इसके बाद उन्हें गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाकर उनकी धूप व दीप से आरती उतारें।
7. कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है।इसलिए अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी निर्धन व्यक्ति या किसी ब्राह्मण को दान अवश्य दें।
8. पूर्णिमा तिथि के दिन दिया गया दान मनुष्य के पितरों को भी लाभ पहुंचाता है।
कार्तिक पूर्णिमा 2022 तिथि (Kartik Purnima 2022 Tithi)
8 नवंबर 2022
कार्तिक पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima 2022 Subh Muhurat)
कार्तिक पूर्णिमा प्रारंभ- शाम 4 बजकर 15 मिनट से (7 नवंबर 2022)
कार्तिक पूर्णिमा समाप्त- अगले दिन शाम 4 बजकर 31 मिनट तक (8 नवंबर 2022)
कोई टिप्पणी नहीं
If you have and doubts. Please Let Me Know