Janki Jayanti 2023 Date: जानकी जयंती 2023 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और जानकी जयंती की पूजा विधि
Janki Jayanti 2023 Date |
Janki Jayanti 2023 Date: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जानकी जयंती मनाई जाती है। जानकी जयंती (Janki Jayanti) को सीता अष्टमी (Sita Ashtami) के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इसी दिन माता का जन्म हुआ था। इसी कारण से इस दिन भगवान श्री राम और माता सीता की विशेष रूप से पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन जो सुहागन स्त्री पूरे श्रद्धा भाव से भगवान श्री राम और माता सीता की विधिवत पूजा करती है, उसके जीवन की सभी वैवाहिक समस्याओं का अंत स्वत: ही हो जाता है, तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं जानकी जयंती 2023 में कब है (Janki Jayanti 2023 Mein Kab Hai), जानकी जयंती का शुभ मुहूर्त (Janki Jayanti Shubh Muhurat) , जानकी जयंती का महत्व और जानकी जयंती की पूजा विधि (Janki Jayanti Ka Mahatva and Janki Jayanti Puja Vidhi)
जानकी जयंती का महत्व (Janki Jayanti Importance)
जानकी जयंती को माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से माता सीता की पूजा की जाती है। इस व्रत को विशेष रूप से सुहागन महिलाएं रखती हैं। जिससे उनके घर में सुख और शांति बनी रहे और साथ ही उनके पति को दीर्घ आयु प्राप्त हो सके। लोग इस दिन मंदिरों में भगवान श्री राम और माता सीता के दर्शन करने और उनसे आर्शीवाद प्राप्त करने के लिए जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा करता है। उसे सोलह महादान, पृथ्वीं दान और सभी तीर्थों का फल प्राप्त होता है।
जानकी जयंती का व्रत करने वाली महिलाओं को इस दिन माता सीता के शुक्रमय नाम ऊं श्री सीताय नम: का उच्चारण अवश्य करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करना बहुत ही लाभदायक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार माता सीता जन्म मगंलवार के दिन पुष्य नक्षत्र में हुआ था। जिन्हें राजा जनक ने पृथ्वीं पर हल चलाकर प्राप्त किया था। इसी कारण से माता सीता को जानकी नाम से भी जाना जाता है।
जानकी जयंती की पूजा विधि (Janki Jayanti Puja Vidhi)
1. जानकी जयंती के दिन पूजा करने वाले व्यक्ति को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. इसके बाद उनसे जमीन पर गंगाजल छिड़कर कर एक मंडप बनाना चाहिए जो कम से कम 4 ,8 या 16 स्तंभों का हो।
3. मंडप बनाकर इसके बीच में सुंदर सा आसन बिछाएं और फिर उस पर भगवान श्री राम और माता सीता की सोने की, पीतल की, तांबे या मिट्टी की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं। यदि आपके पास इनमें से कोई भी मूर्ति न हो तो आप भगवान श्री राम और माता सीता की तस्वीर भी स्थापित कर सकते हैं।
4. इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेश और फिर माता गौरी की पूजा करें और फिर ऊं श्री जानकी रामाभ्यां नम: मंत्र के द्वारा आसन, पाद्यय अर्घ्य और आचमन करें।
5. आचमन के बाद भगवान श्री राम और माता सीता को पंचामृत से स्नान कराएं और उन्हें वस्त्र और आभूषण आदि अर्पित करें।
6. वस्त्र और आभूषण अर्पित करने के बाद भगवान श्री राम और माता सीता को गंध, सिंदूर, चंदन, पुष्प, माला, फल, नैवेद्य और मिष्ठान अर्पित करें।
7. इसके बाद धूप व दीप जलाएं और भगवान श्री राम और माता सीता की विधिवत पूजा करें।
8.भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा के बाद उनकी कथा अवश्य पढ़ें या सुने।
9.इसके बाद भगवान श्री राम और माता सीता को मिठाई का भोग अवश्य लगाएं और फिर उनकी धूप व दीप से आरती उतारें।
10.इसके बाद नवमी तिथि के दिन भगवान श्री राम और माता सीता को अर्पित की गई सभी वस्तुएं किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को दान कर दें और मंडप का किसी पवित्र नदी में विसर्जन कर दें।
जानकी जयंती 2023 तिथि (Janki Jayanti 2023 Tithi)
14 फरवरी 2023
जानकी जयंती 2023 शुभ मुहूर्त (Janki Jayanti 2023 Shubh Muhurat)
अष्टमी तिथि प्रारम्भ - सुबह 9 बजकर 45 मिनट से (13 फरवरी 2023)
अष्टमी तिथि समाप्त - अगले दिन सुबह 9 बजकर 04 मिनट तक (14 फरवरी 2023)
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