Jaya Ekadashi 2023 Date: जया एकादशी 2023 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
Jaya Ekadashi 2023 Date |
Jaya Ekadashi 2023 Date: माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी मनाई जाती है। सभी एकादशियों की तरह ही इस दिन भी भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य को प्रेत योनी से मुक्ति मिलती है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं जया एकादशी 2023 में कब है (Jaya Ekadashi 2023 Mein Kab Hai),जया एकादशी का शुभ मुहूर्त (Jaya Ekadashi Shubh Muhurat), जया एकादशी का महत्व और जया एकादशी पूजन विधि (Jaya Ekadashi Ka Mahatva and Jaya Ekadashi Pujan Vidhi)
जया एकादशी का महत्व (Jaya Ekadashi Ka Importance)
जया एकादशी को भैमी या भौमी एकादशी के नाम से जाना जाता है। वहीं आंध्रप्रदेश और कर्नाटक राज्य में इसे भीष्म एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह एकादशी माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। साल की सभी एकादशियों की तरह ही इस दिन भी भगवान विष्णु की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ के महिने में पड़ने के कारण इस एकादशी को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है।
जया एकदाशी विशेष रूप से स्वर्गीय गंधर्व माल्वन और अप्सरा पुष्पवती की कहानी से संबंधित है। इस एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को न केवल इस जन्म के बल्कि कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।इसी कारण से जया एकादशी को इतना महत्व दिया जाता है। इस दिन साधक को बिना कुछ खाए रहना पड़ता है और एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को इस व्रत का पारण करना पड़ता है।
जया एकादशी पूजा विधि (Jaya Ekadashi Puja Vidhi)
1. जया एकादशी का व्रत रखने वाले साधक को दशमी तिथि से इस व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए।
2. इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र धारण करें। यदि संभव हो तो इस दिन पीले रंग के ही वस्त्र धारण करें।
3. इसके बाद एक चौकी पर गंगाजल छिड़कें और उस पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
4. भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करने के बाद उन्हें वस्त्र, फल,फूल,पान-सुपारी,नारियल लौंग और आवंला आदि अर्पित करें।
5. यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प करें और अपनी इच्छा के पूर्ण होने की कामना करें।
6. इसके बाद विधिवत भगवान विष्णु की पूजा करें और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
7. मंत्र जाप के बाद जया एकादशी की कथा अवश्य पढ़ें या सुने। यदि संभव हो तो विष्णु सहस्त्रनाम का भी पाठ अवश्य करें।
8.कथा सुनने के बाद भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
9. इसके बाद धूप व दीप से भगवान विष्णु की आरती उतारें।
10. अंत में पूजा में हुई किसी भी भूल के भगवान विष्णु से क्षमा याचना करना न भूलें और इसके बाद किसी गाय या ब्राह्मण को भोजन अवश्य कराएं।
जया एकादशी 2023 तिथि (Jaya Ekadashi 2023 Tithi)
1 फरवरी 2023
जया एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त (Jaya Ekadashi 2023 Shubh Muhurat)
जया एकादशी के व्रत के पारण का समय- सुबह 7 बजकर 9 मिनट से सुबह 9 बजकर 19 मिनट (1 फरवरी 2023)
एकादशी तिथि प्रारम्भ - सुबह 11 बजकर 53 मिनट से (31 जनवरी 2023)
एकादशी तिथि समाप्त -अगले दिन दोपहर 2 बजकर 1 मिनट तक (1 फरवरी 2023)
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