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Vijaya Ekadashi 2023 Date: विजया एकादशी 2023 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और विजया एकादशी की पूजा विधि

Vijaya Ekadashi 2023 Date: विजया एकादशी 2023 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और विजया एकादशी की पूजा विधि
Vijaya Ekadashi 2023 Date


Vijaya Ekadashi 2023 Date: विजया एकादशी को सभी कामों में सफलता दिलाने वाली एकादशी माना जाता है। जो फाल्गुन मास के  कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। माना जाता है कि इस व्रत को भगवान राम (Lord Rama) ने भी रखा था। जिसके बाद वह अहंकारी रावण का अंत करने में सफल हो पाए थे। साल की 12 एकादशियों की तरह ही इस एकादशी पर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं विजया एकादशी 2023 में कब है (Vijaya Ekadashi 2023 Mein Kab Hai), विजया एकादशी का शुभ मुहूर्त (Vijaya Ekadashi Shubh Muhurat), विजया एकादशी का महत्व और विजया एकादशी पूजा विधि (Vijaya Ekadashi Importance and Vijaya Ekadashi Puja Vidhi)

विजया एकादशी का महत्व (Vijaya Ekadashi Ka Mahatva)

विजया एकादशी फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह एकादशी अपने नाम की तरह ही है। क्योंकि इस एकादशी का व्रत करने वाला व्यक्ति चाहें कितनी ही विपरीत परिस्थितियों में क्यों न हो उसे अपने कामों में विजय प्राप्त करने की शक्ति अवश्य ही प्राप्त होती रहती है। यह व्रत मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है। इसके साथ ही यह व्रत प्रत्येक कार्य में सफलता दिलाने वाला भी माना गया है। 

इसके अलावा इस व्रत को करने वाले व्यक्ति स्वर्ण दान, अन्न दान, भूमि दान और गौ दान जैसे फल भी प्राप्त होते हैं। हर एकादशी की तरह ही इस एकादशी पर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है और उनका आर्शीवाद प्राप्त किया जाता है। माना जाता है कि इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को पृथ्वीं लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है और मरने के बाद उसे भगवान श्री हरि विष्णु के चरणों में स्थान प्राप्त करता है। इसी कारण से इस व्रत को शास्त्रों में इतनी अधिक महत्वता दी गई है।

विजया एकादशी की पूजा विधि (Vijaya Ekadashi Ki Puja Vidhi)

1. विजया एकादशी के दिन पूजा करने वाले व्यक्ति को सुबह जल्दी उठाकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए। यदि यह वस्त्र पीले रंग के हो तो काफी शुभ है।

2. इसके बाद एक चौकी पर गंगाजल डालकर उसे अच्छी तरह साफ करके उस पर पीला कपड़ा बिछाएं और फिर उसे अशोक के पत्तों से सजा दें। 

3. अशोक के पत्ते बिछाने के बाद उस पर कलश स्थापित करें और फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें.

4. भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करने के बाद चौकी पर सात तरह का अनाज रखें और फिर भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। जिसमे तुलसी दल अवश्य हो।

5. इसके बाद भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, चंदन, ऋतुफल, तुलसी दल, फूल, माला और नैवेद्य आदि चढ़ाएं।

6. भगवान विष्णु को यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद उन्हें चंदन का तिल लगाएं और पीले फूलों की माला पहनाएं।

7. इसके बाद भगवान विष्णु के आगे धूप व दीप जलाएं और उनकी विधिवत पूजा करें और फिर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। 

8. मंत्र जाप के बाद विजया एकादशी की कथा पढ़ें या सुनें और फिर धूप व दीप से उनकी आरती उतारें।

9. आरती के बाद भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं और इसे प्रसाद स्वरूप घर के सभी लोगों को वितरीत करें।

10. अंत में पूजा में हुई किसी भूल के लिए भगवान विष्णु से क्षमा याचना अवश्य करें।

विजया एकादशी 2023 तिथि (Vijaya Ekadashi 2023 Tithi)

16 और 17 फरवरी 2023

विजया एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त (Vijaya Ekadashi 2023 Shubh Muhurat)

एकादशी तिथि प्रारम्भ - सुबह 5 बजकर 32 मिनट से (16 फरवरी 2023)

एकादशी तिथि समाप्त - अगले दिन रात 2 बजकर 49 मिनट तक (17 फरवरी 2023)

व्रत के पारण का समय-   सुबह 8 बजकर 1 मिनट से सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक (17 फरवरी 2023)

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