Papmochani Ekadashi 2023 Kab Hai: पापमोचनी एकादशी 2023 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पापमोचनी एकादशी की व्रत विधि
Papmochani Ekadashi 2023 Kab Hai |
Papmochani Ekadashi 2023 Kab Hai: पापमोचनी एकादशी का व्रत अत्यंत ही विशेष माना गया है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ने वाले इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति को अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है और उसे जीवन के सभी सुखों को प्राप्ति होती है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं पापमोचनी एकादशी 2023 में कब है (Papmochani Ekadashi 2023 Mein Kab Hai), पापमोचनी एकादशी का शुभ मुहूर्त (Papmochani Ekadashi Shubh Muhurat), पापमोचनी एकादशी का महत्व और पापमोचनी एकादशी की व्रत विधि (Papmochani Ekadashi Importance and Papmochani Ekadashi Vrat Vidhi)
पापमोचनी एकादशी का महत्व (Papmochani Ekadashi Ka Mahatva)
शास्त्रों के अनुसार पापमोचनी एकादशी का व्रत बहुत ही लाभदायक माना जाता है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को किए जाने वाले इस व्रत से मनुष्य के सभी पाप नष्ट होते हैं और उसके जीवन के दुखों का अंत होता है। इतना ही यह व्रत शीघ्र ही भाग्य उदय कराने वाला भी माना गया है। पापमोचनी एकादशी के इस व्रत के बारे में स्वंय भगवान विष्णु ने अर्जुन को बताया था। इस व्रत को रखने वाले मनुष्य को न केवल अपने पापों से सभी ग्रहों से दोष से भी मुक्ति मिलती है और साथ ही उसे जीवन के सभी सुख भी प्राप्त होते हैं।
इसके अलावा इस व्रत को रखने से ब्रह्म हत्या, स्वर्ण चोरी, मद्यपान करने वाले, आगम्या गमन करने वाले जैसे सभी पाप भी नष्ट होते हैं। इस दिन अनाज, जूते चप्पल, छाता, कपड़े, पशु और सोना दान करना बहुत ही शुभ और लाभदायक माना जाता है। इसी वजह से पापमोचनी एकादशी को इतना महत्व दिया जाता है।
पापमोचनी एकादशी व्रत की विधि (Papmochani Ekadashi Vrat Vidhi)
1. पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को दशमी तिथि से इस व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए। इस दिन साधक को सुबह सूर्योदय से पूर्व उठाकर स्नान करना चाहिए और पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. इसके बाद एक चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कना चाहिए और उस पर पीले रंग का वस्त्र बिछाना चाहिए।
3. पीले रंग का वस्त्र बिछाने के बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करना चाहिए। जिसमें तुलसी दल अवश्य हो।
4. इसके बाद भगवान विष्णु को वैजयंती पुष्प, नैवेद्य, नारियल, सुपारी, बेर, आंवला, अनार,आम, ऋतुफल आदि अर्पित करने चाहिए।
5. यह सभी वस्तुएं अर्पित करने के बाद भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें।
6. पूजा के बाद पापमोचनी एकादशी की कथा अवश्य पढ़ें या सुने।
7. कथा सुनने के बाद भगवान विष्णु की धूप व दीप से आरती उतारें।
8. इसके बाद भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं
9. अंत में पूजा से उठने से पहले भगवान विष्णु से पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें।
10. इसके बाद किसी ब्राह्मण या निर्धन व्यक्ति को यथा संभव दान दक्षिणा अवश्य दें।
पापमोचनी एकादशी 2023 तिथि
18 मार्च 2023
पापमोचनी एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ - दोपहर 2 बजकर 06 मिनट से (17 मार्च 2022)
एकादशी तिथि समाप्त - अगले दिन सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक (18 मार्च 2022)
व्रत के पारण का समय- सुबह 6 बजकर 27 मिनट से सुबह 8 बजकर 7 मिनट तक (18 मार्च 2023)
कोई टिप्पणी नहीं
If you have and doubts. Please Let Me Know