Rang Panchami 2023 Date: रंग पंचमी 2023 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और रंग पंचमी की पूजा विधि
Rang Panchami 2023 Date |
Rang Panchami 2023 Date: होली के पर्व (Holi Festival) का समापन रंग पंचमी के साथ ही होता है। इस दिन रंगों को हवा में उड़ाया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से देवता धरती की और आकर्षित होते हैं और पृथ्वीं पर रहने वाले जीवों के सकारात्मक गुणों को बढ़ाते हैं। इस दिन राधा और कृष्ण जी (Radha ji and Lord Krishna) के साथ अन्य देवताओं की भी पूजा की जाती है और एक-दूसरे को गुलाल लगाकर उसे हवा में उड़ाया जाता है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं रंग पंचमी 2023 में कब है (Rang Panchami 2023 Kab Hai), रंग पंचमी का शुभ मुहूर्त (Rang Panchami Shubh Muhurat), रंग पंचमी का महत्व और रंग पंचमी की पूजा विधि (Rang Panchami Importance and Rang Panchami Puja Vidhi)
रंग पंचमी का महत्व (Rang Panchami Ka Mahatva)
रंग पंचमी का त्योहार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार भारत के महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में मुख्य रूप से मनाया जाता है। होली के त्योहार का एक भाग रंग पंचमी भी है। होली की तरह ही लोग इस दिन एक-दूसरे का रंग लगाते हैं। माना जाता है कि इस दिन एक-दूसरे को रंग लगाने और हवा में रंग उड़ाने से देवता बहुत प्रसन्न होते हैं।
वहीं यह भी मान्यता है कि उड़ता हुआ गुलाल व्यक्ति के सकारात्मक गुणों को बढ़ाता और नकारात्मक गुणों को समाप्त करता है। इसी कारण से रंग पंचमी पर हवा में गुलाल उड़ाकर देवताओं को आकर्षित किया जाता है। जिससे वह धरती पर रहने वाले जीवों के सकारात्मक गुणों को बढ़ा सके।
रंग पंचमी पूजा विधि (Rang Panchami Puja Vidhi)
1. रंग पंचमी की पूजा से पहले किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करें। यदि आप ऐसा नहीं कर सकते तो अपने नहाने के पानी में ही गंगाजल डालकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
2. इसके बाद एक साफ चौकी लें और उस पर गंगाजल की बूंदों का छिड़काव करके लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और फिर शिव परिवार की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
3. मूर्ति या तस्वीर स्थापित करने के बाद चमेली के तेल का दीपक जलाएं और फिर गूगल से धूप करें। इसके बाद लाल फूल, सिंदूर, लाल चंदन, अबीर या गुलाल चढ़ाएं शिव परिवार को अर्पित करें।
4.इन सभी चीजों को चढ़ाने के बाद सबसे पहले भगवान गणेश उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती और अंत में कार्तिकेय भगवान की विधिवत पूजा करें।
5. इसके बाद वहीं बैठकर भगवान शिव के ह्रीं हरित्याय नम: शिवाय ह्रीं मंत्र का एक माला जाप करें।
6. जब आपका यह मंत्र जाप पूरा हो जाए उसके बाद धूप व दीप से शिव परिवार की आरती उतारें और पुरन पोली या रेवड़ीयों का भोग लगाएं
7.इसके बाद पूजा में हुई किसी भी भूल के शिव परिवार के सामने हाथ जोड़कर क्षमा याचना करें।
8. पूजा संपन्न होने के बाद हवा में रंग उड़ाएं माना जाता है कि ऐसा करने से देवता खुस होते हैं।
रंग पंचमी 2023 तिथि (Rang Panchami 2023 Tithi)
12 मार्च 2023
रंग पंचमी 2023 शुभ मुहूर्त (Rang Panchami 2023 Shubh Muhurat)
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ - रात 10 बजकर 05 मिनट से (11 मार्च 2023)
पञ्चमी तिथि समाप्त - अगले दिन रात 10 बजकर 01 मिनट तक (12 मार्च 2022)
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