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Apara Ekadashi 2023 Kab Hai: अपरा एकादशी 2023 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त,महत्व और पूजा विधि

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Apara Ekadashi 2023 Kab Hai

Apara Ekadashi 2023 Kab Hai: अपरा एकादशी का व्रत (Apara Ekadashi Vrat) ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। सभी एकादशियों की तरह ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा (Lord Vishnu Puja) की जाती है। इस दिन गंगा स्नान (Ganga Snan) को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन गंगा स्नान करता है, उसे अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस व्रत को करने वाले व्यक्ति की समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं और उसे भगवान विष्णु का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं अपरा एकादशी 2023 में कब है (Apara Ekadashi 2023 Kab Hai), अपरा एकादशी का शुभ मुहूर्त (Apara Ekadashi 2022 Shubh Muhurat), अपरा एकादशी का महत्व और अपरा एकादशी की पूजा विधि (Apara Ekadashi Importance and Apara Ekadashi Puja Vidhi)

अपरा एकादशी का महत्व (Apara Ekadashi Ka Mahatva)

अपरा एकादशी को हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। पुराणों के अनुसार इस दिन गंगा स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस गंगा स्नान करने से मनुष्य अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है। अपरा एकादशी के दिन व्यक्ति को भूलकर भी न तो झूठ बोलना चाहिए और न हीं चावलों का सेवन करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे भगवान विष्णु के क्रोध का सामना करना पड़ता है। इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को बिस्तर पर भी नहीं सोना चाहिए। बल्कि उसे इन दिन जमीन पर ही शयन करना चाहिए। इस दिन फूल-पत्तियों को भी तोड़ना वर्जित माना गया है। 

इस दिन शालिग्राम और तुलसी जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही अपरा एकादशी की व्रत की कथा अवश्य सुननी चाहिए। रात्रि में प्रभु नाम का संकीर्तन करें और द्वादशी को स्नान आदि कर ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा प्रदान कर भोजन ग्रहण करें। इसके बाद एकादशी के अगले दिन स्नान आदि कर ब्राह्मण और निर्धन व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा देनी चाहिए और व्रत में अनजाने में हुई गलती के माफी मांगनी चाहिए। जो भी व्यक्ति अपरा एकादशी के दिन इन सभी चीजों को पालन करता है, उसे भगवान विष्णु की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है और उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

परा एकादशी पूजन विधि (Apara Ekadashi Pujan Vidhi)

1. अपरा एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को दशमी तिथि से इस व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए। इस दिन साधक को सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर गंगा स्नान करना चाहिए और पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।

2. इसके बाद एक चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कना चाहिए और उस पर पीले रंग का वस्त्र बिछाना चाहिए।

3. पीले रंग का वस्त्र बिछाने के बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करना चाहिए। जिसमें तुलसी दल अवश्य हो। 

4. इसके बाद भगवान विष्णु को तुलसी दल,फल, फूल, तिल, दूध, नैवेद्य, मिठाई आदि अर्पित करें। अर्पित करने चाहिए।

5. यह सभी वस्तुएं अर्पित करने के बाद भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।

6. पूजा के बाद अपरा एकादशी की कथा अवश्य पढ़ें या सुने।

7. कथा सुनने के बाद भगवान विष्णु की धूप व दीप से आरती उतारें।

8. इसके बाद भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं 

9. अंत में पूजा से उठने से पहले भगवान विष्णु से पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें।

10. इसके बाद किसी ब्राह्मण या निर्धन व्यक्ति को यथा संभव दान दक्षिणा अवश्य दें। अंत में गाय को भोजन कराकर उसका भी आशीर्वाद लें। 

अपरा एकादशी 2023 तिथि (Apara Ekadashi 2022 Date)

15 मई 2023

अपरा एकादशी 2022 शुभ मुहूर्त (Apara Ekadashi 2023 Shubh Muhurat)

अपरा एकादशी के व्रत के पारण का समय: सुबह 5 बजकर 38 मिनट से सुबह 8 बजकर 32 मिनट तक (16 मई 2023)

एकादशी तिथि प्रारम्भ -  शाम 5 बजकर 16 मिनट से (14 मई 2023)

एकादशी तिथि समाप्त - अगले दिन शाम 3 बजकर 33 मिनट तक (15 मई 2023)

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