Shravan Purnima 2022 Kab Hai: श्रावण पूर्णिमा 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
Shravan Purnima 2022 Kab Hai |
Shravan Purnima 2022 Kab Hai: श्रावण मास की पूर्णिमा को हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। क्योंकि इस दिन भाई और बहन के पवित्र त्योहार यानी रक्षाबंधन को मनाया जाता है। सभी पूर्णिमा की तरह श्रावण मास की पूर्णिमा को भगवान सत्यनारायण की विशेष रूप से पूजा की जाती है और उनकी कथा सुनी जाती है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं श्रावण पूर्णिमा 2022 में कब है (Shravan Purnima 2022 Mein Kab Hai), श्रावण पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Shravan Purnima Shubh Muhurat), श्रावण पूर्णिमा का महत्व और श्रावण पूर्णिमा की पूजा विधि (Shravan Purnima Importance and Shravan Purnima Puja Vidhi)
श्रावण पूर्णिमा का महत्व (Shravan Purnima Ka Mahatva)
श्रावण पूर्णिमा श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इसी दिन राखी का त्योहार भी मनाया जाता है। जहां बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बंधकर उसकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती है और भाई उसकी सदैव रक्षा का वचन देता है।
इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके भगवान सत्यनारायण की पूजा करना और उनकी कथा सुनना बहुत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी दुखों का अंत होता है।
श्रावण पूर्णिमा की पूजा विधि (Shravan Purnima Ki Puja Vidhi)
1. श्रावण पूर्णिमा के दिन साधक को किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान अवश्य करना चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं कर सकता तो उसे अपने नहाने के पानी में ही गंगाजल मिलाकर स्नान अवश्य करना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2.इसके बाद एक लकड़ी की चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कें और उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं
3. कपड़ा बिछाने के बाद उस चौकी पर भगवान सत्यनारायण की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
4.इसके बाद चौकी पर जल से भरा कलश स्थापित करें और फिर भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। जिसमें तुलसी दल अवश्य हो।
5.पंचामृत से स्नान कराने के बाद भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें मवा, पंजीरी, फूल माला,ऋतुफल, मिष्ठान और नैवेद्य आदि अर्पित करें।
6.यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद भगवान सत्यनारायण का चंदन से तिलक करें और उन्हें फूल,माला अक्षत और तुलसी दल चढ़ाएं।
7.इसके बाद धूप व दीप जलाकर भगवान सत्यनारायण की विधिवत पूजा करें और फिर भगवान सत्यनारायण जी की कथा पढ़ें या सुने।
8. कथा सुनने या पढ़ने के बाद उन्हें पंजीरी का भोग लगाएं।
9. इसके बाद भगवान सत्यनारायण से पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें।
10. अंत में पंजीरी और पंचामृत के प्रसाद का सभी लोगों के बीच में वितरण अवश्य करें।
श्रावण पूर्णिमा 2022 तिथि (Shravan Purnima 2022 Date)
11 अगस्त 2022
श्रावण पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त (Shravan Purnima 2022 Shubh Muhurat)
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - सुबह 1 बजकर 08 मिनट से (10 अगस्त 2022)
पूर्णिमा तिथि समाप्त - अगले दिन रात 9 बजकर 35 मिनट तक (11 अगस्त 2022)
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