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Sandhi Puja 2022 Date and Time: संधि पूजा 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

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Sandhi Puja 2022 Date and Time


Sandhi Puja 2022 Date and Time: संधि पूजा का पर्व (Sandhi Puja Festival) विशेष रूप से बंगाल में की जाती है। यह पूजा अष्टमी तिथि और नवमी तिथि के मध्य में की जाती है। माना जाता है कि जिस समय मां दुर्गा (Goddess Durga) ने चंड और मुंड नाम के दो राक्षसों का वध किया था, वह समय संधि काल ही था। इसी कारण से इस दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन कद्दू और ककड़ी की भी बलि दी जाती है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं संधि पूजा 2022 में कब है (Sandhi Puja 2022 Mein Kab Hai), संधि पूजा का शुभ मुहूर्त (Sandhi Puja Shubh Muhurat), संधि पूजा का महत्व और संधि पूजा विधि (Sandhi Puja Importance and Sandhi Puja Vidhi)

संधि पूजा का महत्व (Sandhi Puja Ka Mahatva)

संधि पूजा शारदीय नवरात्रि पर अष्टमी और नवमी तिथि के बीच में की जाती है। यह पूजा अष्टमी तिथि के आखिरी 24 मिनट और नवमी तिथि के शुरू के 24 मिनट तक की जाती है। मान्यताओं के अनुसार जिस समय मां चामुण्डा महिषासुर के साथ युद्ध कर रही थीं, उस समय चंड और मुंड नाम के दो राक्षसों ने माता की पीठ पर वार किया था। 

जिसकी वजह से मां चामुंडा का मुख नीला पड़ गया था और माता ने उन दोनों राक्षसों का वध कर दिया। जिस समय माता ने उन असुरों का वध किया था, वह समय संधि काल का ही था। इसी वजह से हर साल शारदीय नवारात्रि इसी मुहूर्त में संधि पूजा की जाती है।

इस मुहूर्त में माता ने अपना उग्र रूप धारण किया था। इसी कारण से इस मुहूर्त को सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है। संधि पूजा में मां दुर्गा को 108 दीपक, 108 कमल के फूल और 108 बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं। 

इसके साथ ही मां दुर्गा को अन्य वस्तुएं जैसे फल, पुष्प,चावल,मेवा, श्रृंगार की वस्तुएं और गहने भी अर्पित किए जाते हैं। संधि पूजा की शुरुआत घंटी बजाकर की जाती है और मंत्रों का उच्चारण करके मां दुर्गा की विधिवत पूजा की जाती और आरती उतारी जाती है। 

संधि पूजा विधि (Sandhi Puja Vidhi)

1. संधि पूजा शारदीय नवरात्रि पर अष्टमी और नवमी तिथि के बीच में की जाती है। यह पूजा अष्टमी तिथि के आखिरी 24 मिनट और नवमी तिथि के शुरू के 24 मिनट तक की जाती है।

2.संधि पूजा में मां दुर्गा को 108 दीपक, 108 कमल के फूल और 108 बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं।

3.यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद मां दुर्गा को लाल वस्त्र, लाल फल,पुष्प,चावल,मेवा, श्रृंगार की वस्तुएं और गहने भी अर्पित किए जाते हैं और ढोल और नगाड़ो के साथ मां दुर्गा की विधिवत पूजा की जाती है। 

4. इस दिन ककड़ी और कद्दू की भी बलि दी जाती है। इनकी बलि देने के बाद मां दुर्गा के मंत्रों का जाप किया जाता है। 

5.अंत में मां दुर्गा की विधिवत पूजा करके आरती उतारी जाती है। 

संधि पूजा 2022 तिथि (Sandhi Puja 2022 Tithi)

3 अक्टूबर 2022

संधि पूजा 2022 शुभ मुहूर्त (Sandhi Puja 2022 Shubh Muhurat)

सन्धि पूजा मुहूर्त - सुबह 6 बजकर 43 मिनट से सुबह 07 बजकर 31 मिनट तक (3 अक्टूबर 2022)

अष्टमी तिथि प्रारम्भ -  सुबह 09 बजकर 17 मिनट से (2 अक्टूबर 2022)

अष्टमी तिथि समाप्त -  अगले दिन सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक (3 अक्टूबर 2022)

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