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Sharad Purnima 2022 Mein kab Hai: शरद पूर्णिमा 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि


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Sharad Purnima 2022 Mein kab Hai


Sharad Purnima 2022 Mein kab Hai: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा और कोजगारी पूर्णिमा (Kojagiri Purnima) के नाम से जाना जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन मां लक्ष्मी (Goddes Laxmi) समुद्र मंथन से उत्पन्न हुई थीं। इसी कारण से इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन जो भी व्यक्ति रात भर जागकर मां लक्ष्मी की आराधना करता है, उसे धन और वैभव का आशीर्वाद प्राप्त होता है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं शरद पूर्णिमा 2022 में कब है (Sharad Purnima 2022 Mein Kab Hai), शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima Ka Shubh Muhurat), शरद पूर्णिमा का महत्व और शरद पूर्णिमा की पूजा विधि (Sharad Purnima Importance and Sharad Purnima Puja Vidhi)

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शरद पूर्णिमा का महत्व (Sharad Purnima Ka Mahatva)

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार माता लक्ष्मी का जन्म आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन हुआ था। इस दिन मां लक्ष्मी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुई थीं। आश्विन मास की इस पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा इस पूर्णिमा को कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ गरूड़ जी पर सवार होकर रात्रि में विचरण करती हैं।  इसी कारण से इस दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु और गरूड़ जी की भी पूजा की जाती है। शरद पूर्णिमा पर जो भी भक्त रात्रि में जागकर मां लक्ष्मी की आराधना करता है, उसे मां लक्ष्मी धन और वैभव का आशीर्वाद देती हैं। 

शरद पूर्णिमा के दिन पृथ्वीं पर चंद्रमा की सकारात्मक किरणें पड़ती हैं। इसलिए इस दिन खीर बनाकर पूरी रात चंद्रमा की रोशनी में रखनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से उस खीर में अमृत बरसता है और सुबह उस खीर को प्रसाद स्वरूप घर के सभी लोगों को ग्रहण करना चाहिए। 

शरद पूर्णिमा की पूजा विधि (Sharad Purnima Ki Puja Vidhi)

1. शरद पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर किस पवित्र नदी में स्नान अवश्य करें।

2. इसके बाद एक चौकी पर गंगाजल डालकर उसे शुद्ध कर लें और फिर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माता लक्ष्मी की मुर्ति या तस्वीर स्थापित करें

और उन्हें लाल पुष्प, नैवैद्य, इत्र, सुगंधित चीजें चढ़ाएं।

3.यह सभी चीजे अर्पित करने के बाद माता लक्ष्मी के मंत्र और लक्ष्मी चालीसा का पाठ अवश्य करें और उनकी धूप व दीप से आरती उतारें।

4. इसके बाद माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और किसी ब्रा ह्मण को इस दिन खीर का दान अवश्य करें।

5. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर अवश्य रखें और अगले दिन उसे पूरे परिवार के साथ मिल बांटकर खाएं।

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शरद पूर्णिमा 2022 तिथि (Sharad Purnima 2022 Date)

8 अक्टूबर 2022

शरद पूर्णिमा 2022 शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima 2022 Shubh Muhurat)

शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय - शाम 6 बजकर 10 मिनट (8 अक्टूबर 2022)

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ -  शाम 6 बजकर 11 मिनट से (8 अक्टूबर 2022)

पूर्णिमा तिथि समाप्त - अगले दिन शाम 6 बजकर 54 मिनट तक (9 अक्टूबर 2022)


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