Header Ads

Kaal Bhairav Jayanti 2022 Kab Hai: काल भैरव जयंती 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि


kaal bhairav jayanti 2022 kab hai kaal bhairav jayanti 2022 date and time importance and puja vidhi
Kaal Bhairav Jayanti 2022 Kab Hai


Kaal Bhairav Jayanti 2022 Kab Hai: काल भैरव जयंती मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। जिसे काल भैरव अष्टमी (Kaal Bhairav Ashtami) के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान काल भैरव का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था। इसलिए इस दिन मध्यरात्रि में भगवान काल भैरव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।  काल भैरव को भगवान शिव (Lord Shiva) का ही पांचवां रूद्र अवतार माने जाते हैं तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं काल भैरव जयंती 2022 में कब है (Kaal Bhairav Jayanti 2022 Mein Kab Hai), काल भैरव जयंती का शुभ मुहूर्त (Kaal Bhairav Jayanti Ka Shubh Muhurat), काल भैरव जयंती का महत्व और काल भैरव जयंती की पूजा विधि (Kaal Bhairav Jayanti Importance and Kaal Bhairav Jayanti Puja Vidhi)

ये भी पढ़ें- Kartik Purnima 2022 Date And Time: कार्तिक पूर्णिमा 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

काल भैरव जयंती का महत्व (Kaal Bhairav Jayanti Ka Mahatva)

पुराणों के अनुसार काल भैरव जयंती के दिन ही भगवान काल भैरव ने जन्म लिया था। इसी कारण से इस दिन भगवान काल भैरव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन काल भैरव अष्टमी और काल भैरव जयंती के नाम से जाना जाता है। भगवान काल भैरव को शिव जी का ही रौद्र रूप बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान काल भैरव की पूजा करता है। उसे मनचाही सिद्धियां प्राप्त हो जाती है। 

भगवान काल भैरव को तंत्र का देवता माना जाता है। इसी कारण से इस दिन काल भैरव की पूजा करने वाले व्यक्ति को कभी भी ऊपरी बाधा, भूत प्रेत की समस्या नहीं होती। वहीं काले कुत्ते को भी काल भैरव का ही प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस दिन काले कुत्ते को कुछ भी खिलाना बहुत ही अच्छा माना जाता है। भैरव जी का मुख्य हथियार दंड माना गया है। इसलिए इन्हें दण्डपति भी कहा गया है। जो पापियों को दंड देने वाले माने जाते हैं। 

काल भैरव जयंती पूजन विधि (Kaal Bhairav Jayanti Pujan Vidhi)

1. काल भैरव जंयती के दिन साधक को ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

2.इसके बाद पितरों का तर्पण करना चाहिए। क्योंकि काल भैरव जयंती के दिन पित्तरों का तर्पण बहुत ही आवश्यक माना जाता है। 

3. भगवान काल भैरव की पूजा रात में की जाती है। इस दिन भगवान काल भैरव और शिव पार्वती जी की पूजा एक साथ करनी चाहिए।

4. भैरव बाबा को आधी रात के समय भगवान काल भैरव को काले तिल, उड़द और सरसों का तेल अर्पि त करना चाहिए।

5. इसके बा द काल भैरव के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

6. मंत्र जाप करने के बाद काल भैरव को काले तिल और उड़द से बनी वस्तुओं का भोग लगाना चाहिए।

7. भोग लगाने के बाद काल भैरव की शंख, नगाड़ो और घंटे से आरती उतारनी चाहिए।

8. इसके बाद काले कुत्ते की पूजा अवश्य करें क्योंकि काले कुत्ते को भगवान भैरव की सवारी माना जाता है।

9. कुत्ते की पूजा के बाद उसे कुछ अवश्य खिलाना चाहिए। यदि आपको काला कुत्ता न मिले तो आप किसी भी कुत्ते की पूजा करके उसे कुछ अवश्य खिलाएं।

10. इसके बाद अगले दिन किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को काले रंग की वस्तुओं का दान अवश्य करें।

ये भी पढ़ें- Chandra Grahan 2022 kab Hai: चंद्र ग्रहण 2022 में कब है, जानिए सूतक काल का समय और ग्रहण की मान्यताएं

काल भैरव जयंती 2022 तिथि (Kaal Bhairav Jayanti 2022 Date)

16 नवंबर 2022

काल भैरव जयंती 2022 शुभ मुहूर्त (Kaal Bhairav Jayanti 2022 Shubh Muhurat)

अष्टमी तिथि प्रारम्भ - शाम 7 बजकर 19 मिनट से (15 नवंबर 2022)

अष्टमी तिथि समाप्त - अगले दिन रात 9 बजकर 27 मिनट तक (16 नवंबर 2022)

कोई टिप्पणी नहीं

If you have and doubts. Please Let Me Know

Blogger द्वारा संचालित.