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When is Gita Jayanti in 2022 : गीता जयंती 2022 में कब है, जानिए गीता जयंती का शुभ मुहूर्त, महत्व और कैसे मनाई जाती है गीता जंयती

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When is Gita Jayanti in 2022


When is Gita Jayanti in 2022: महाभारत के युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण ने अंर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। जिस समय भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था वह मार्गशीष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि थी। इसी कारण हर साल इसी दिन गीता जंयती का त्योहार मनाया जाता है और इस साल गीता जयंती की 5159वाँ वर्षगाँठ है। गीता को हिंदू धर्म में अत्यंत ही पवित्र ग्रंथ माना जाता है। गीता को सिर्फ सुनने मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। इसलिए हर साल इस दिन मंदिरों में गीता का पाठ किया जाता है तो चलिए जानते हैं गीता जयंती 2022 में कब है  (Gita Jayanti 2022 Mein Kab Hai), गीता जयंती का शुभ मुहूर्त (Gita Jayanti Ka Shubh Muhurat), गीता जयंती का महत्व और कैसे मनाई जाती है गीता जयंती (Gita Jayanti Importance or Kaise Manayi Jati Hai Gita Jayanti)

गीता जयंती का महत्व (Gita Jayanti Ka Mahatva) 

गीता जयंती मार्गशीष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह जीवन का सार माना जाता है। जिस समय कौरवों और पांडवों का युद्ध चल था और अर्जुन अपने परिवार के लोगों को सामने देखकर युद्ध करने से डर गया था। उस समय भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। जिसके बाद अर्जुन ने धर्म की रक्षा के लिए युद्ध किया था। पुराणों के अनुसार गीता की उत्पत्ति कलयुग आरंभ होने से 30 वर्ष पहले हुई थी।

गीता के अंदर अठारह अध्याय हैं। मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती मनाई जाती है। इसी कारण से इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के कृष्ण अवतार की पूजा करना और साथ ही गीता पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन गीता का पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। गीता जयंती के दिन जो व्यक्ति गीता पढ़ने में असमर्थ है वह इस दिन गीता सुनकर भी इस दिन का लाभ उठा सकता है। क्योंकि गीता पढ़ना और सुनना एक ही समान माना गया है।

कैसे मनाई जाती है गीता जयंती ( How To Celebrate Gita Jayanti) 

1.गीता जयंती के दिन साधक को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए और भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करना चाहिए।

2.इसके बाद एक साफ चौकी पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए। 

3. भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करने के बाद उनके चरणों में भगवद् गीता को रखें। 

4. इसके बाद श्रीमदभगवत गीता पर गंगा जल छिड़कें और भगवान श्री कृष्ण और भगवद गीता का रोली से तिलक करें। 

5.रोली से तिलक करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण और श्रीमदभगवत गीता पर फूल अर्पित करें। 

6.इसके बाद भगवान श्री कृष्ण की धूप व दीप से आरती उतारें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं। 

7.भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के बाद श्रीमदभगवत गीता को हाथ से उठाकर माथे पर लगाएं और उसका पाठ करें या सुनें। 

8.गीता जयंती के दिन मंदिरों में भी गीता का पाठ किया जाता है। आप चाहें तो वहां जाकर भी गीता सुन सकते हैं। 

9.श्रीमदभगवत गीता को पढ़ने के बाद उसे आदर सहित उसके स्थान पर रख दें। 

10.यदि संभव हो तो इस दिन किसी ब्राह्मण को गीता का दान अवश्य करें।

गीता जयंती 2022 तिथि (Gita Jayanti 2022 Date)

4 दिसंबर 2022

गीता जयंती 2022 शुभ मुहूर्त (Gita Jayanti 2022 Shubh Muhurat) 

एकादशी तिथि प्रारंभ - सुबह 8 बजकर 9 मिनट से (3 दिसंबर 2022)

एकादशी तिथि समाप्त - अगले दिन सुबह 8 बजकर 4 मिनट तक (4 दिसंबर 2022)


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