Makar Sankranti Importance: जानिए क्यों दिया जाता है मकर संक्रांति को हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व
Makar Sankranti Importance
Makar Sankranti Importance: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के त्योहार (Makar Sankranti Festival) को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। इस दिन सूर्यदेव धनु राशि को छोड़कर अपने पुत्र शनिदेव से मिलने के लिए उनकी राशि मकर में गोचर करते हैं। इसी कारण से इस दिन सूर्यदेव की विशेष पूजा की जाती है। यह त्योहार भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। इस दिन दान और स्नान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। लेकिन इसके अलावा भी मकर संक्रांति को कई कारणों से बहुत अधिक महत्व दिया जाता है और अगर आप इस त्योहार के महत्व के बारे में नहीं जानते तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं मकर संक्रांति का महत्व (Makar Sankranti Ka Mahatva)
मकर संक्रांति का महत्व (Makar Sankranti Significance)
मकर संक्रांति के इस त्योहार को भारत में अलग- अलग नामों से जाना जाता है। भारत के पूर्वोत्तर राज्यो में इस त्योहार को बिहु और दक्षिण राज्यों में पोंगलपों के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा बिहार में इस त्योहार को खिचड़ी और अन्य कई राज्यों में उतरायण के नाम से भी जाना जाता है। यदि प्राचीन ग्रंथों की बात करें तो इस दिन सूर्यदेव के साथ ही भगवान गणेश, भगवान शिव,विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से सोया भाग्य भी जाग्रत हो जाता है।
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी के दान और खिचड़ी खाने को विशेष महत्व दिया जाता है। इसी कारण से मकर संक्रांति के दिन सभी लोग खिचड़ी अवश्य बनाते हैं और अपने परिवार के साथ प्रेम पूर्वक खाते हैं। माना जाता है कि इस दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनि देव से मिलने के लिए उनके घर जाते हैं। इसलिए यह मकर संक्रांति का यह त्योहार पिता और पुत्र के अनोखे मिलन को दर्शाता है।
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कई जगहों पर तो इस त्योहार को नई फसल और नई ऋतु के आगमन के रूप में भी मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन स्नान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन प्रात: काल सूर्योदय के समय किसी पवित्र नदी स्नान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल आपको सभी पापों से मुक्ति मिलेगी बल्कि आपका मन भी स्वच्छ होगा और साथ ही आपको भगवान सूर्यदेव का आर्शीवाद भी प्राप्त होगा।
मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ से बने लड्डओं के साथ- साथ अन्य मीठे पकवान भी बनाए जाते हैं। यदि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो गुड़ और तिल गर्म होते हैं जो सर्दियों के मौसम में खाए जाने पर विशेष लाभ देते हैं और वहीं ज्योतिषय दृष्टिकोण से देखें तो गुड़ को सूर्यदेव की वस्तु और तिल को शनिदेव की वस्तु माना जाता है।इसी कारण से मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ का दान करना भी अत्यंत ही लाभकारी माना जाता है।
यदि आप अपने जीवन में शनि पीड़ा से ग्रसित हैं तो आपको मकर संक्रांति के दिन गर्म वस्त्र,धन,खिचड़ी और तिल का दान गरीब, अपाहिज और मजदूर लोगों के बीच में अवश्य करना चाहिए। क्योंकि शनि देव इन लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं यदि आप सूर्यदेव के शुभ फल प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इस दिन गुड़ का दान अवश्य करना चाहिए।
यदि मकर संक्रांति की पूजा विधि की बात करें तो इस दिन ताबें के लोटे में रोली डालकर सूर्यदेव को जल अवश्य दें। सूर्यदेव को जल देते समय सूर्यदेव को मंत्रों का जाप अवश्य करें। इसके बाद उन्हें गुड़ और तिल से बनी मिठाईयों का भोग लगाएं। मकर संक्रांति के दिन आदित्य हृदय का स्रोत का पाठ अवश्य करें ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
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