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Ganga Saptami Puja Vidhi: जानिए गंगा सप्तमी की संपूर्ण पूजा विधि

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Ganga Saptami Puja Vidhi

Ganga Saptami Puja Vidhi: गंगा जयंती या गंगा सप्तमी (Ganga Jayanti or Ganga Saptami) के दिन मां गंगा की विधिवत पूजा की जाती है है। यह महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार मां गंगा (Goddess Ganga) के पुनर्जन्म के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। गंगा सप्तमी पर हजारों श्रद्धालु ऋषिकेश (उत्तराखंड) और त्रिवेणी संगम (इलाहाबाद) जैसे तीर्थ स्थलों पर पूजा-अर्चना करते हैं और गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं। 

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इस दिन गंगा आरती, दीपदान और मेले भी लगते हैं। माना जाता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने और मां गंगा की पूजा करने से जीवन के सभी पाप धूल जाते हैं। अगर आप भी गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा की पूजा करना चाहते हैं तो आज हम आपको विधिवत मां गंगा की पूजा-अर्चना के बारे में बताएंगे तो बिना किसी किसी देरी के चलिए जानते हैं गंगा सप्तमी की पूजा विधि।

गंगा सप्तमी की पूजा विधि (Ganga Saptami Puja Vidhi)

1.गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। इसलिए इस दिन गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए।

2.गंगा स्नान के बाद मां गंगा को पुष्प अवश्य अर्पित करने चाहिए और दीपक प्रजवल्लित करना चाहिए।

3.गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा की कथा अवश्य पढ़नी और सुननी चाहिए।

4.इस दिन किसी योग्य पुरोहित के द्वारा गंगा घाट पर पित्तरों का तर्पण भी अवश्य करना चाहिए।

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5.पित्तरों के तर्पण के बाद अपने पित्तरों के नाम से ब्राह्मण और निर्धन व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान अवश्य दें।

6.इसके बाद किसी गाय को भोजन अवश्य कराएं।

7.इसके बाद शाम के समय फिर से गंगा घाट जाएं और विधिवत पूजन करें।

8.पूजा के बाद मां गंगा की आरती करें और मां गंगा से अपने पापों के लिए क्षमा याचना अवश्य करें।


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