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Balaram jayanti puja vidhi: यहां जानें बलराम जयंती की संपूर्ण पूजा विधि


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Balaram jayanti puja vidhi

Balaram jayanti puja vidhi: बलराम जयंती का त्योहार (Balaram Jayanti Festival) भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि मनाया जाता है। इस त्योहार को बलराम जयंती को हलषष्ठी और हरछठ (Hal Shashthi and Har Chhath) नाम से भी जाना जाता है। बलराम जयंती को संतान संबंधी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए विशेष माना जाता है।

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 इसके साथ ही जो भी महिलाएं संतान प्राप्ति की इच्छुक हैं, उन्हें इस व्रत को अवश्य ही पूरे विधि-विधान के साथ करना चाहिए। लेकिन अगर आपको इस व्रत की पूजा विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं बलराम जयंती की पूजा विधि पर एक नजर।

बलराम जयंती की पूजा विधि (Balaram Jayanti ki Puja Vidhi)

1.बलराम जयंती के दिन ब्रह्म बेला में उठकर जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु सहित शेषनाग को प्रणाम करें और स्नान आदि करने के बाद पूजा की तैयारी शुरू कर दें।

2.इस दिन पूरे घर को भैंस गोबर से लिपना बहुत ही शुभ माना जाता है। 

3. पूजा करने से पहले उस स्थान को अच्छी तरह से साफ करके फूलों और पत्तियों से सजाएं।

4.इसके बाद भगवान कृष्ण और भगवान बलराम की मूर्ति को स्थापित करें और नए कपड़ों से सजाएं।

5.यह त्योहार उन सभी मंदिरों में मनाया जाता है, जहां भगवान बलराम और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है।

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6.इसके बाद भगवान बलराम और भगवान कृष्ण की मूर्ति को पंचामृत से पवित्र स्नान कराएं।

7. स्नान कराने के बाद भगवान बलराम और भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा करें और फिर उन्हें भोग लगाएं।

8. इसके बाद बलराम जयंती की कथा पढ़े या सुने और फिर उनकी आरती उतारें।

9. आरती करने के बाद प्रसाद को घर के सभी सदस्यों के बीच बाटें।

10. इस दिन तालाब के किनारे या घर में ही तालाब बनाकर, उसमें झरबेरी, पलाश और कांसी के पेड़ लगाना शुभ माना जाता है।


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