Chhath Puja Vidhi: यहां जानें छठ पूजा की संपूर्ण विधि
Chhath Puja Vidhi
Chhath Puja Vidhi: "छठ" शब्द का अर्थ "छठवीं" है। इस त्योहार को छठ पूजा के रूप में जाना जाता है। क्योंकि यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी छठे दिन मनाया जाता है। छठ पूजा उत्सव चार दिनों तक चलता है, जो इसे नवरात्रि (Navaratri) के बाद दूसरा सबसे लंबा त्योहार बनाता है। बिहार और झारखंड का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार छठ पूजा (Chhath Puja Festival) बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।
देश भर से हजारों श्रद्धालु नदियों, तालाबों, घाटों और पानी के अन्य स्रोतों पर प्रार्थना करने के लिए इकट्ठा होते हैं। सिर्फ छठ पूजा ही एक ऐसा त्योहार है, जिसमें डूबते हुए सूरज को जल अर्पित किया जाता है। माना जाता है कि छठ पूजा पर जो महिलाएं भगवान सूर्य और छठी मैय्या की पूजा करती हैं उन्हें इन दोनों का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनकी संतान को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं छठ पूजा की विधि पर एक नजर...
छठ पूजा विधि (Chhath Puja Vidhi)
1. खाए नहाय: छठ पूजा का व्रत चार दिन तक किया जाता है। पहले दिन नहाने और खाने की विधि होती है। इस दिन घर की साफ- सफाई करके शुद्ध किया जाता है और शाकाहारी भोजन बनाकर ग्रहण किया जाता है।
2. खरना: दूसरे दिन छठ पूजा में खरना विधि होती है। जिसमें पूरे दिन उपवास रखा जाता है। शाम के समय गन्ने का रस या फिर गुड़ में चावल बनाकर खीर का प्रसाद बनाकर खाना चाहिए।
3.शाम का अर्घ्य: तीसरे दिन भी व्रत रखकर शाम के समय में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके लिए सभी पूजा सामग्री को लकड़ी की डलिया में रखकर घाट पर ले जाते हैं। शाम के समय में घर आकर सभी समान को उसी प्रकार रख दिया जाता है। इस दिन रात में छठी माता के गीत और व्रत की कथा भी सुनी जाती है।
4.सुबह का अर्घ्य: चौथे और अंतिम दिन सूर्योदय से पहले ही घाट पर पहुंचा जाता है और उगते सूर्य की पहली किरण को जल दिया जाता है। इसके बाद छठी माता को स्मरण और प्रणाम करने के बाद उनसे संतान की रक्षा का वर मांगा जाता है। इसके बाद घर लौटकर प्रसाद का वितरण करें।
कोई टिप्पणी नहीं
If you have and doubts. Please Let Me Know