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Saturn Transit in Aquarius 2022: 29 अप्रैल को होगा शनि का कुंभ राशि में गोचर, जानिए राशि के अनुसार अपने जीवन पर इसका प्रभाव

 

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Saturn Transit in Aquarius 2022

Saturn Transit in Aquarius 2022: नवग्रहों में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। शनिदेव जब भी अपना राशि परिवर्तन करते हैं तो इसका असर पृथ्वीं पर रहने वाले सभी जीवों पर पड़ता है। शनिदेव साल 2022 में भी अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। हालांकि यह राशि परिवर्तन कुछ समय के लिए होगा। लेकिन इसका असर सभी 12 राशियों के जातको पर पड़ेगा। शनिदेव साल 2022 में 29 अप्रैल 2022 को अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश करने जा रहे हैं। जो 11 जुलाई 2022 तक इसी राशि में स्थित रहेंगे और इसके बाद अपनी वक्री चाल से पुन: मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि के इस गोचर काल का कैसा रहेगा सभी राशियों के जातको पर असर आइए जानते हैं...

मेष राशि के लिए शनि का गोचर (Saturn Transit in Aquarius For Aries)

मेष राशि के जातको के लिए शनि एकादश और दशम भाव के स्वामी हैं। जो कुंभ राशि में गोचर करने के बाद इनके ग्यारहवें भाव को प्रभावित करेंगे। अगर शनिदेव की दृष्टियों की बात करें तो शनिदेव की दृष्टि आपके लग्न, पंचम और अष्टम भाव पर पड़ेगी। शनिदेव के इस गोचर के कारण आप अपने भविष्य के लिए बनाई गई योजनाओं में सफल होंगे और कोई ऐसा निर्णय लेंगे जिससे समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यदि आप मानसिक और बौद्धिक दोनों रूप से सकारात्मक निर्णय लेंगे तो इस समय में आपको कई प्रकार के लाभ प्राप्त हो सकते हैं।शुभ भाव पर शनि के गोचर से आय और लाभ के नए द्वार खुलने की पूरी संभावना है, अब यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसके लिए कितना प्रयास करते हैं। आपके रुके हुए काम इस समय अवधि में पूरे होंगे और आप आर्थिक रूप से भी इस समय काल में मजबूत रहेंगे।शनि का गोचर आपके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन की खुशियों को हकीकत में बदलने में मददगार साबित होगा। लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि आप इस समय काल में कितनी मेहनत और प्लानिंग से अपने काम को करते हैं।

वृषभ राशि के लिए शनि का गोचर (Saturn Transit in Aquarius For Taurus)

वृषभ राशि के जातको के लिए शनि देव उनके भाग्य और कर्म के स्वामी होते हैं। जो कुंभ राशि में गोचर करने के बाद आपके दशम भाव को प्रभावित करेंगे।दशम भाव में गोचर करने के बाद शनिदेव की दृष्टियां आपके बारहवें भाव, चतुर्थ भाव और सप्तम भाव पर पड़ेगी। शनिदेव का दशम भाव में गोचर आपकी राशि के लिए शुभ है। जो आपको भविष्य की योजनाओं में सफलता भी देगा। करियर भाव में शनि के गोचर से सुख-दुख, लाभ-हानि के साथ-साथ खर्च कहां करना है, इसकी भी योजना बनेगी। इस समय में आपको अपने सभी कामों में सफलता तो प्राप्त होगी। लेकिन कुछ देरी या संघर्ष के बाद।यदि आपके मन में नए घर या वाहन की काफी समय से इच्छा थी तो वह इस समय में पूरी हो सकती है। लेकिन आपको अपने दांपत्य जीवन और परिवारिक जीवन में मतभेद की स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है या उन्हें शारीरिक कष्ट हो सकता है। नौकरी करने वाले और व्यवसाय करने वाले लोगों को शनि के अपनी राशि में गोचर से लाभ जरूर होगा, लेकिन संघर्ष के साथ। नौकरी बदलने का निर्णय जल्दबाजी में न लें, ऐसा करने से मानसिक पीड़ा हो सकती है, छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में बाधाएं आ सकती हैं। 

मिथुन राशि के लिए शनि का गोचर (Saturn Transit in Aquarius For Gemini)

मिथुन राशि के जातको के लिए शनि नवम और अष्टम भाव के स्वामी होते हैं। जो आपके कुंभ राशि में गोचर करने के बाद आपके भाग्य भाव को प्रभावित करेंगे। अगर शनिदेव की दृष्टियों की बात करें तो कुंभ राशि में गोचर करने के बाद शनि की दृष्टि आपके ग्यारहवें भाव, तीसरे भाव और छठे भाव पर पड़ेगी। शनि देव के भाग्य स्थान पर गोचर करने के कारण यह समय आपके लिए शुभ फलदायी होगा। इस समय में आपके कुछ रूके हुए काम बन सकते हैं। यदि आप काफी समय से किसी तीर्थ यात्रा पर जाने की सोच रहे थे तो इस समय में आप तीर्थ यात्रा पर जा सकेंगे। इस राशि के जो विद्यार्थी किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उन्हें इस समय काल में सफलता प्राप्त हो सकती है।

लेकिन इस समय में आपके अंदर गुस्सा और अहंकार बढ़ सकता है जिसका असर आपके निजी जीवन पर पड़ सकता है। मित्रों के व्यवहार के कारण आप मानसिक कष्ट के शिकार हो सकते हैं। वहीं इस समय में आपके अपने छोटे भाईयों के साथ विवाद होने की संभावना है, इसलिए इससे बचने की कोशिश करें। यदि आपका कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसमें देरी हो सकती है या फैसला आपके खिलाफ आ सकता है।

कर्क राशि के लिए शनि का गोचर (Saturn Transit in Aquarius For Cancer)

कर्क राशि के जातक के लिए शनि सातवें और आठवें भाव के स्वामी होते हैं। जो कुंभ राशि में गोचर करने के बाद आपके आठवें भाव को प्रभावित करेंगे। शनि के आठवें भाव में गोचर करने के बाद आपको शनि की अष्टम ढैय्या भी लग जाएगी। अगर शनिदेव की दृष्टियों की बात करें तो कुंभ राशि में गोचर करने के बाद शनिदेव की दृष्टियां आपके दशम भाव, दूसरे भाव और पंचम भाव पड़ेगी। शनि का मृत्यु भाव में गोचर वैवाहिक जीवन में परेशानी का कारण बन सकता है।गोचर का शनि आपके काम, धन और बुद्धि को देख रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कार्यक्षेत्र में अचानक परिवर्तन हो सकता है और आपके सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में अस्थिरता आ सकती है।अचानक धन हानि होने से आप तनाव में रहेंगे। दाम्पत्य जीवन में कष्ट रहेगा। आपको इस समय में अपने व्यापार में भी हानि का सामना करना पड़ सकता है। 

लेकिन इस समय में आपको पैतृक संपत्ति प्राप्त हो सकती है। इस समय में आपकी वाणी में कटूता आएगी। जिसकी वजह से भी आपके कई बनते-बनते काम इस समय अवधि में बिगड़ सकते हैं।अगर आप नौकरी कर रहे हैं तो नौकरी में बदलाव होने वाला है। नई खोजों या आविष्कारों के काम में आपको सफलता मिलेगी। आर्थिक रूप से आपको थोड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है, लेकिन इसका परिणाम भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। आपको इस समय में आंख, कान, नाक, गले से संबंधित कोई रोग हो सकता है और यदि आपकी सोच नकारात्मक है तो आपको हृदय रोग भी हो सकता है।

सिंह राशि के लिए शनि का गोचर (Saturn Transit in Aquarius For Leo)

सिंह राशि के जातको के लिए शनि देव छठे और सातवें भाव के स्वामी होते हैं। जो कुंभ राशि में गोचर करने के बाद इनके सप्तम भाव को प्रभावित करेंगे। अगर शनिदेव की दृष्टियों की बात की जाए तो शनिदेव की दृष्टि इनके दशम भाव,लग्न भाव और चतुर्थ भाव पर पड़ेगी। सप्तम भाव में शनि के गोचर के कारण आपके वैवाहिक जीवन में चली आ रही परेशानियों का अंत होगा। लेकिन इस समय में आपका स्वाभाव कुछ चिड़चिड़ा हो सकता है। जिसकी वजह से कई बार आपका अपने जीवनसाथी के साथ विवाद भी हो सकता है। वहीं इस राशि के जो जातक कुंवारे हैं और शादी करना चाहते हैं उनकी विवाह में कुछ विलंब हो सकता है। इस राशि के व्यापारियों के लिए शनि का यह गोचर यह शुभ है। इस समय में आपको अपने व्यापार में अपने बिजनेस पार्टनर की वजह से लाभ हो सकता है। लेकिन इस समय में आपको स्वास्थय संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय में आपके अपने पिता के साथ भी संबंध खराब हो सकते हैं या फिर उनका स्वास्थय इस समय अवधि में खराब हो सकता है। पारिवारिक जीवन में इस समय में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इस समय में आपके परिवार में कलह का वातावरण उत्पन्न होगा। जिसकी वजह से आपको मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

कन्या राशि के लिए शनि का गोचर (Saturn Transit in Aquarius For Virgo)

कन्या राशि के जातको के लिए शनि पंचम और षष्ठम भाव के स्वामी होते हैं। कुंभ राशि में गोचर करने के बाद शनिदेव कन्या राशि के छठे भाव को प्रभावित करेंगे। वहीं अगर शनिदेव की दृष्टियों की बात करें तो कुंभ राशि में गोचर करने के बाद शनिदेव की दृष्टियां कन्या राशि के अष्टम, द्वादश और तृतीय भाव पर पड़ेगी। शनि के इस गोचर के कारण आपको अपने शत्रुओं से मुक्ति मिलेगी। शनि के गोचर से आप अपने शत्रु को परास्त करने में सफल रहेंगे। यदि आप विदेश यात्रा में रुचि रखते हैं तो आपको अपने प्रयास तेज करने चाहिए, क्योंकि इसमें सफलता मिलने की प्रबल संभावना है। लेकिन इस समय में आपके खर्च बढ़ सकते हैं। इसलिए आपको अनावश्यक खर्च से बचना चाहिए।

नौकरी करने वाले जातको के लिए शनि का यह गोचर शुभ है। आपको इस समय में अपने उच्च अधिकारियों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। कन्या राशि के जातको के इस समय में कर्ज लेने की भी संभावना है। आप इस समय में विरासत में मिली संपत्ति को बेच या इस्तेमाल कर सकते है। इस समय आपका अपने छोटे भाई-बहनों से भी विवाद संभव है। जिससे आपको बचना चाहिए। ससुराल पक्ष के साथ भी इस समय में आपके संबंध खराब हो सकते हैं। लेकिन इस समय में आपको अपने स्वास्थय पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। इस समय में आपको गंभीर बीमारी भी हो सकती है। इस राशि के जिन लोगों को घुटने में दर्द की समस्या है उनकी यह परेशानी बढ़ सकती है।

तुला राशि के लिए शनि का गोचर (Saturn Transit in Aquarius For Libra)
तुला राशि के जातको के लिए शनि चतुर्थ और पंचम भाव के स्वामी होते हैं और कुंभ राशि में गोचर करने के बाद शनि इनके पचंम भाव को प्रभावित करेंगे और साथ ही इस भाव में शनिदेव के गोचर करने के बाद इस राशि के जातको पर से शनि की चतुर्थ ढैय्या भी समाप्त हो जाएगी। अगर दृष्टियों की बात करें तो शनि के कुंभ राशि में गोचर करने के बाद शनि की दृष्टि इनके सप्तम, एकादश और दूसरे भाव को प्रभावित करेंगी। पंचम भाव में शनि के गोचर करने के कारण इस समय में आपको बच्चों से सुख की प्राप्ति होगी। वहीं इस राशि के जो जातक प्रेम संबंधों में है उनके लिए भी शनि का यह गोचर शुभ है। लेकिन यदि आप इस समय में प्रेम विवाह करने के बारे में सोच रहे हैं तो इसमें कुछ विलंब हो सकता है। वहीं इस राशि के शादीशुदा जातको को अपने वैवाहिक जीवन पर अधिक ध्यान देने की अवश्यकता होगी। क्योंकि इस समय में आपका जीवनसाथी कुछ चिड़चिड़े स्वाभाव का हो सकता है। जिसकी वजह से आप और आपके जीवनसाथी के बीच में मतभेद की स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं या फिर आपके जीवनसाथी का स्वास्थय इस समय अवधि में खराब हो सकता है। 

इसके साथ ही इस समय में आपके अपने बड़े भाई-बहनों के भी संबंध खराब हो सकते हैं। यदि आप पार्टनरशिप में बिजनेस करते हैं तो आपको इस समय में अपने पार्टनर पर आंख मूंदकर भरोसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस समय में आपके साथ बिजनेस में किसी प्रकार का कोई धोखा हो सकता है। वहीं इस राशि के विद्यार्थियों के लिए भी शनि का यह गोचर शुभ है,यदि वह आलस्य न करें तो, क्योंकि इस समय में आपका आलस्य ही आपके अच्छे परिणाम में बाधक बन सकता है। वहीं इस राशइ की जो महिलाएं गर्भवती हैं उन्हें इस समय में अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इस समय में आपको समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श अवश्य लेते रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की लापरवाही बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए।


वृश्चिक राशि के लिए शनि का गोचर (Saturn Transit in Aquarius For Scorpio)
वृश्चिक राशि के जातको के लिए शनि तीसरे और चौथे भाव के स्वामी होते हैं। शनि के कुंभ राशि में गोचर करने के बाद शनिदेव आपके चतुर्थ भाव को प्रभावित करेंगे और साथ ही इस राशि के जातको को शनि की चतुर्थ ढैय्या भी प्रारंभ हो जाएगी। अगर शनिदेव की दृष्टियों की बात करें तो चतुर्थ भाव में गोचर करने के बाद शनिदेव की दृष्टियां आपके छठे,दसवें और पहले भाव पर पड़ेंगी। चतुर्थ भाव में शनि के गोचर के कारण इस समय में आपको पारिवारिक सुखों की प्राप्त हो सकती है। माता के साथ आपके संबंध मधुर हो सकते हैं साथ ही आपको प्रॉपर्टी और वाहन का भी सुख प्राप्त हो सकता है। लेकिन इस समय में आपको स्वास्थय संबंधी परेशानी हो सकती हैं। आपको इस समय में पेट से संबंधित कोई रोग हो सकता है। आपको इस समय में अपने शत्रुओं से भी सावधान रहना चाहिए। क्योंकि आपका कोई शत्रु आपको इस समय में नुकसान भी पहुचां सकता है।यदि आपका कोई कोर्ट केस चल रहा है तो आपको उसमें असफलता प्राप्त हो सकती है। 

लेकिन यदि यह केस जमीन से जुड़ा है तो आपको उसमें सफलता प्राप्त हो सकती है। नौकरी करने वाले जातको को इस समय में अपने कार्यस्थल में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय में आपका अपने उच्च अधिकारियों के साथ झगड़ा भी हो सकता है। वहीं इस समय में आपके सहकर्मी आपके खिलाफ कोई षड्यंत्र भी कर सकते हैं। जिसकी वजह से आपको नौकरी से निकाला भी जा सकता है।वहीं यदि आप इस समय में नौकरी बदलने के बारे में सोच रहे हैं तो अभी कुछ समय के लिए रूक जाएं। व्यापारियों को भी इस समय में लाभ की अपेक्षा नुकसान अधिक हो सकता है। इसलिए अपने व्यापार के प्रति कोई भी फैसला सोच समझकर ही लें। इस समय में आपको मान-हानि का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इस समय अवधि में कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे आपकी मान-हानि हो। वहीं इस समय में आपके अंदर चिड़चिड़ापन और आलस्य बढ़ सकता है। जिससे आपको बचना चाहिए।

धनु राशि के लिए शनि का गोचर (Saturn Transit in Aquarius For Sagittarius)
धनु राशि राशि के जातको के लिए शनि दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी होते हैं। जो कुंभ राशि में गोचर करने के बाद इनके तीसरे भाव को प्रभावित करेंगे। इस भाव में गोचर करने के बाद धनु राशि के जातको पर से शनि की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी। अगर दृष्टियों की बात करें को कुंभ राशि में शनिदेव का गोचर करने के बाद शनिदेव की दृष्टियां इनके पंचम, नवम और द्वादश भाव पर पड़ेगी। इस भाव में शनि के गोचर करने के कारण आपके पराक्रम में वृद्धि होगी।जिससे मेहनत के कारण चल-अचल संपत्ति में वृद्धि होगी। आप अपने सभी कामों के इस समय में पूरी मेहनत से करेंगे। यदि आपका कार्य टूर एंड ट्रैवल्स या फिर ऑनलाइन बिजनेस से जुड़ा हुआ है तो इस समय में आपको लाभ प्राप्त हो सकता है। वहीं इस समय में आपके अपने छोटे भाई बहनों के साथ भी संबंध मधुर होंगे। लेकिन इस समय में आपको अपनी संतान की और से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

यदि आपकी घर में छोटे बच्चे हैं तो वह इस समय में जिद्दी हो सकते हैं या फिर उन्हें इस समय में स्वास्थय संबंधि परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं इस राशि के  जो जातक प्रेम संबंधों में हैं उनके प्रेम जीवन में इस समय में परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। इस समय में आपको ब्रेकअप भी हो सकता है। इस समय में आपके अपने पिता के साथ भी संबंध खराब हो सकते हैं या फिर उनका स्वास्थय इस समय अवधि में खराब हो सकता है। इस समय में आपकी यात्राओं के भी योग बन रहे हैं। यदि आप काफी समय से किसी धार्मिक यात्रा पर जाना चाहते थे तो इस समय में आपकी यह यात्राएं हो सकती हैं। वहीं इस समय में आपके खर्च भी बढ़ सकते हैं। इसलिए सोच समझकर ही धन को खर्च करें। इसके अलावा यदि आप काफी समय से घर बदलने के बारे में सोच रहे थे तो इस समय में आप अपना घर बदल सकते हैं।

मकर राशि के लिए शनि का गोचर (Saturn Transit in Aquarius For Capricorn)
मकर राशि के जातको के लिए शनि लग्न और द्वितीय भाव के स्वामी होते हैं। शनि के कुंभ राशि के में गोचर करने के बाद शनि इनके दूसरे भाव को प्रभावित करेंगे। जिसके बाद शनि की दृष्टियां इनके चतुर्थ, अष्टम और एकादश भाव पर पड़ेंगी। शनि के कुंभ राशि में गोचर करने के बाद मकर राशि के जातको पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा और अंतिम चरण प्रारंभ हो जाएगा। शनि के इस भाव में गोचर करने के कारण आप धन जोड़ने में सफल रहेंगे। इस समय में आपको अपने परिवार और कुटूंब के लोगों को पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। लेकिन इस समय में आप अभिमान भरी बातें करेंगे। जिसकी वजह से आपके कुछ करीबी लोगों को आपकी वजह से दुख पहुचं सकता है। यदि आप प्रॉपर्टी से जुड़ा हुआ बिजनेस करते हैं तो इस समय में आपको नुकसान हो सकता है। 

वहीं इस समय में आपके पारिवारिक माहौल में भी कलह का वातावरण उत्पन्न होगा। इस समय में आपके अपनी माता जी के साथ भी संबंध खराब हो सकते हैं या फिर उनका स्वास्थय इस समय अवधि में खराब हो सकता है। जिसकी वजह से आपका मन खराब हो सकता है। सुसराल पक्ष के साथ भी इस समय में आपके संबंध खराब हो सकते हैं। वहीं जो लोग रिसर्च या फिर बीमा आदि क्षेत्रों में हैं उन्हें इस समय में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पैतृक संपत्ति से जुड़े मामलों में इस समय में आपको निराशा प्राप्त हो सकती है। मकर राशि के जातको को इस समय में लाभ की अपेक्षा बहुत अधिक नहीं करनी चाहिए आप इस समय में जितनी मेहनत करेंगे आपको सिर्फ उतना ही प्राप्त होगा। इसलिए व्यर्थ के भूलकर भी शॉर्ट कट से पैसा कमाने के बारे में न सोचें नहीं तो आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

कुंभ राशि के लिए शनि का गोचर (Saturn Transit For Aquarius)
कुंभ राशि के जातको के लिए शनि लग्न और बारहवें भाव के स्वामी होते हैं। जो इन्हीं की ही राशि में गोचर करने वाले है। जिसके बाद इस राशि के जातको के शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण प्रारंभ हो जाएगा। शनि के कुंभ राशि में राशि में गोचर करने बाद शनि की दृष्टियां इनके तीसरे, सातवें और दसवें भाव पर पड़ेगी। आपके लग्न भाव में ही शनि का गोचर होने के कारण इस समय में आप अपने ऊपर धन अधिक खर्च कर सकते हैं। इस समय में आपके अंदर शारीरीक कमजोरी और आलस्य भी बढ़ सकता है। जिसकी वजह से आपके पराक्रम में भी कमी आएगी। इस समय में आपके खर्च बढ़ सकते हैं जिसकी वजह से आपको धन की कमीं का सामना करना पड़ सकता है। 

वहीं इस राशि के शादीशुदा जातको का अपने जीवनसाथी के साथ मतभेद हो सकता है या फिर उनके जीवनसाथी की सेहत इस समय अवधि में खराब हो सकती है। वहीं यदि आप व्यापार करते हैं तो इस समय में आपको अपने व्यापार में भी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इस समय में आपका अपने बिजनेस पार्टनर के साथ भी झगड़ा हो सकता है। इसलिए बिजनेस में इस समय में अधिक सावधानी बरतें। मकर राशि के जातको के इस समय में अपने छोटे-भाई बहनों के साथ भी संबंधों को लेकर सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि इस समय में आपका अपने छोटे भाई बहनों के साथ भी झगड़ा हो सकता है। इस समय में आपकी व्यर्थ की यात्राएं हो सकती हैं। जिसकी वजह से आपका धन और समय दोनों बर्बाद हो सकता है। 

मीन राशि के लिए शनि का गोचर (Saturn Transit in Aquarius For Pisces)
मीन राशि के जातको के लिए शनि उनके ग्यारहवें और बारहवें भाव के स्वामी होते हैं। जो कुंभ राशि में गोचर करने के बाद इनके बारहवें भाव को प्राभावित करेंगे। जिसके कारण इस राशि के जातको पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण प्रारंभ हो जाएगा और अगर शनिदेव की दृष्टियों की बात करें तो शनिदेव की दृष्टियां इनके दूसरे, छठे और नवम भाव को प्रभावित करेंगी।  इस भाव में शनि देव के गोचर करने के कारण आपकी आमदनी कम होगी और बेवजह के खर्चे बढ़ेंगे इसलिए फालतू के खर्चों से बचें। शनि के इस गोचर का असर आपके जमा पूंजी पर भी पड़ेगा और वह भी धीरे-धीरे खर्च होती जाएगी। लेकिन यदि आपका काम आयात-निर्यात या फिर विदेशों से जुड़ा हुआ है तो इस समय में आपको लाभ हो सकता है।

वहीं यदि आप विदेश जाना चाहते हैं तो यहां बैठा शनि आपकी मदद कर सकता है।लेकिन इस समय में मीन राशि के जातको के अपने शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए।क्योंकि इस समय में आपके शत्रु आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। आपका इस समय में मुकदमों और बीमारी पर भी अधिक खर्च हो सकता है। इस समय में आपकी वाणी में कटूता आ सकती है। जिसकी वजह से आपका अपने कुटूंब के लोगों के साथ झगड़ा हो सकता है। परिवार में शुभ और मांगलिक कार्यों में इस समय में आपको देरी का सामना करना पड़ सकता है। इस समय में आपका अपने पिता के साथ भी मतभेद हो सकता है या फिर आपके पिता की सेहत इस समय अवधि में खराब हो सकती है। आपको इस समय में व्यर्थ की यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं। जिसकी वजह से भी आपका धन और समय दोनों बर्बाद होंगे। 






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