Ahoi Ashtami 2022 Date: अहोई अष्टमी 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त,महत्व और पूजा विधि
Ahoi Ashtami 2022 Date |
Ahoi Ashtami 2022 Date: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत (Ahoi Ashtami Vrat) किया जाता है। करवा चौथ की तरह ही सुहागन महिलाओं के लिए अहोई अष्टमी का यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि यह व्रत संतान की लंबी आयु और उनके जीवन में सुख और समृद्धि के लिए क्या जाता है। इसके अलावा इस व्रत को नि:संतान स्त्रियां भी संतान सुख प्राप्त करने के लिए करती हैं तो चलिए जानते हैं अहोई अष्टमी 2021 में कब है (Ahoi Ashtami 2022 Mein Kab Hai), अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त (Ahoi Ashtami Ka Shubh Muhurat), अहोई अष्टमी का महत्व और अहोई अष्टमी की पूजा विधि (Ahoi Ashtami Importance And Ahoi Ashtami Puja Vidhi)।
अहोई अष्टमी का महत्व (Ahoi Ashtami Ka Mahatva)
करवा चौथ का व्रत जहां महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। वहीं अहोई अष्टमी का व्रत संतान की लंबी उम्र और उन्हें हर प्रकार की परेशानियों से बचाने के लिए किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु और उनकी समृद्धि के लिए करती हैं। जहां करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा को अर्ध्य देकर उसकी पूजा की जाती है। वहीं इस व्रत में तारों की छावं में अर्ध्य दिया जाता है। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन पड़ता है। इसलिए इसे अहोई अष्टमी कहा जाता है।
अहोई अष्टमी का व्रत वह महिलाएं भी करती हैं। जिन्हें संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती। शास्त्रों के अनुसार अगर कोई नि: संतान महिला इस व्रत को रखती हैं तो उसके घर में जल्द ही बच्चे की किलकारियां गूंजने लगती है। इसके अलावा अगर संतान को किसी भी प्रकार का कष्ट हो तो भी इस व्रत को करने से वह समस्या समाप्त हो जाती है। इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती है। उनकी कथा सुनी जाती है और तारों की पूजा करके अहोई माता से संतान सुख की कामना की जाती है। इसलिए अहोई अष्टमी के व्रत को इतना महत्व दिया जाता है।
अहोई अष्टमी की पूजा विधि (Ahoi Ashtami Puja Vidhi)
1. अहोई अष्टमी के दिन महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर घर को अच्छी तरह से सफाई करनी चाहिए। इसके बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
2.इसके बाद शाम के समय दीवार पर गेरू से अहोई माता का चित्र बनाना चाहिए। आजकर बजारों में अहोई माता का चित्र भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इस चित्र में स्याहु माता और उनके सात पुत्र अवश्य होने चाहिए।
3.इसके बाद एक चावल की कटोरी में मूली और सिंघाड़े और पानी से भरा एक करवा या लोटा रखें। अगर यह करवा, करवा चौथ का हो तो ज्यादा अच्छा है।
4. इसके बाद अहोई अष्टमी की कथा सुनें। कहानी सुनते समय हाथ में लिए गए चावलों को साड़ी के पल्लू से बांध लें। इसके बाद अहोई माता को चौदह पूरी और आठ को पूओं का भोग लगाएं
5. अंत में तारों की छांव में चावलों के साथ अर्ध्य दें और माता को अर्पित किया गया भोजन किसी गाय को खिला दें और इस दिन किसी ब्राह्मण को भी भोजन अवश्य भेजें।
अहोई अष्टमी 2022 तिथि (Ahoi Ashtami 2022 Tithi)
17 अक्टूबर 2022
अहोई अष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त (Ahoi Ashtami 2022 Shubh Muhurat)
राधा कुंड में स्नान का दिन- 17 अक्टूबर 2022
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त - शाम 5 बजकर 50 मिनट से शाम 07 बजकर 05 मिनट तक (17 अक्टूबर 2022)
तारों को देखने के लिये सांझ का समय - शाम 6 बजकर 13 मिनट (17 अक्टूबर 2022)
अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय - रात 11 बजकर 24 मिनट (17 अक्टूबर 2022)
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