Basant Panchami 2023 Kab Hai: जानिए साल 2023 में कब है वसंत पंचमी, शुभ मुहूर्त, महत्व और मां सरस्वती की पूजा विधि
Basant Panchami 2023 Kab Ki Ha |
Basant Panchami 2023 Kab Ki Hai: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का त्योहार (Basant Panchami Festival) मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस पर्व को बहुत ही अधिक महत्व दिया जाता है। क्योंकि इस दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा (Goddess Saraswati Puja) की जाती है। वसंत पंचमी के इस त्योहार को भारत में ऋषि पंचमी, श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इसी दिन से वसंत ऋतु (Basant Ritu) का भी आगमन होता है। इस दिन पीले वस्त्रों को अधिक महत्व दिया जाता है। इसी कारण से इस दिन पीले वस्त्र बहुत अधिक पहने जाते हैं तो चलिए जानते हैं साल 2023 में कब है वसंत पंचमी (Basant Panchami 2023 Me Kab Hai), वसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त (Basant Panchami Shubh Muhurat), वसंत पंचमी का महत्व और वसंत पंचमी की पूजा विधि (Basant Panchami Ka Mahatva And Basant Panchami Puja Vidhi)
वसंत पंचमी का महत्व (Basant Panchami Importance)
हिंदू धर्म के अनुसार वसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसी कारण से वसंत पंचमी के इस त्योहार का माता सरस्वती के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। वसंत पंचमी के दिन ही ऋतुओं के राजा बसंत का भी आगमन होता है। जिसकी वजह से प्रकृति की सुंदरता में अद्भुत निखार आता है। पेड़ो से पुराने पत्ते टूट जाते हैं और उन पर नए पत्ते आने लगते हैं। मौसम सुहावना हो जाता है। खेतों में सरसों के फूल लहराने आने लगते हैं। इसी कारण से इस मौसम को बसंत ऋतु के नाम से जाना जाता है।
पुराणों में वसंत पंचमी को लेकर एक कथा मिलती है। जिसके अनुसार जब भगवान विष्णु के कहने पर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। तब उन्होंने पृथ्वी पर मनुष्यों के साथ-साथ जीव, जंतु, पेड़ पौधों सभी का निर्माण किया था। लेकिन वह अपनी इस रचना से खुश नजर नहीं आ रहे थे। उन्हें बार-बार ऐसा प्रतीत हो रहा था कि अभी भी इस संसार में किसी चीज की कमीं रह गई है। जिसके बाद उन्होंने भगवान विष्णु से आज्ञा लेकर अपने कमंडल से जल पृथ्वी पर छिड़क दिया।
जिसकी वजह धरती कांपने लगी और तब ही पेड़ों के बीच में से एक अद्भुत शक्ति प्रकट हुई। यह शक्ति एक सुंदर सी स्त्री थी। जिसकी चार भुजाएं थीं। उएक हाथ में वीणा थी,दूसरा हाथ वर मुद्रा में था और अन्य दो हाथों में पुस्तक और माला थीं। जिसके बाद ब्रह्मा जी ने उस स्त्री से वीणा बजाने के लिए कहा। जैसे ही उस स्त्री ने वीणा बजाई सभी जीव जंतुओं को वाणी की प्राप्ति हो गई। जल में कोलहाल होने लगा और हवा सरसरहाने लगी।
जिसके कारण ब्रह्मा जी ने उस देवी को सरस्वती नाम दिया। हिंदू धर्म में माता सरस्वती को ज्ञान, विद्या बुद्धि और संगीत की देवी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि जो भी इस दिन माता सरस्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा करता है उसके अज्ञानता दूर हो जाती है। कई जगहों पर तो इस दिन विशेष रूप से छोटे बच्चों को पहला अक्षर पढ़ना और लिखना सिखाया जाता है।
यह दिन पढ़ने के लिए अत्यंत ही विशेष माना जाता है। इसलिए इस दिन स्कूलों में भी मां सरस्वती की पूजा आराधना की जाती है और उन्हें इस दिन विशेष रूप से सफेद फूल,सफेद वस्त्र और सफेद मिठाई अर्पित की जाती है।
वसंत पंचमी पूजा विधि (Basant Panchami Puja Vidhi)
1.वसंत पंचमी के दिन पीले और सफेद रंग के वस्त्रों को अधिक महत्व दिया जाता है। इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पीले या सफेद रंग के वस्त्र ही धारण करें।
2. इसके बाद एक साफ चौकी लें और उस पर गंगाजल छिड़कर कर सफेद रंग का वस्त्र बिछाएं।
3. चौकी पर कपड़ा बिछाने के बाद मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
4. माता सरस्वती की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करने के बाद उन्हें सफेद या पीले रंग फूल और सफेद चंदन अर्पित करें। इसके बाद मां सरस्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
5. यह सभी वस्तुएं अर्पित करने के बाद मां सरस्वती के आगे धूप व दीप जलाएं और ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जाप करें।
6. मंत्र जाप के बाद माता सरस्वती के चरणों में गुलाल अर्पित करें और मां सरस्वती की विधिवत पूजा करें।
7. मां सरस्वती की पूजा करने के बाद पुस्तकों और वाद्य यंत्रों की भी पूजा करें
8. इसके बाद वसंत पंचमी की कथा पढ़ें या सुनें और मां सरस्वती की धूप व दीप से आरती उतारें।
9.मां सरस्वती की आरती उतारने के बाद उन्हें दही,केसर का हलवा और मिश्री का भोग लगाएं।
10.इसके बाद माता सरस्वती से किसी भी प्रकार की भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें और हलवे और मिश्री का प्रसाद घर के सभी लोगों के बीच बाटें।
वसंत पंचमी 2023 तिथि (Basant Panchami 2023 Tithi)
26 जनवरी 2023
वसंत पंचमी 2023 शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2023 Shubh Muhurat)
वसन्त पञ्चमी सरस्वती पूजा मुहूर्त - सुबह 7 बजकर 12 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक (26 जनवरी 2023)
वसन्त पञ्चमी मध्याह्न का क्षण - दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक (26 जनवरी 2023)
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ - दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से (25 जनवरी 2023)
पञ्चमी तिथि समाप्त - अगले दिन सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक (26 जनवरी 2023)
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