Lalita Jayanti 2023 Date: ललिता जयंती 2023 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त,महत्व और ललिता जयंती की पूजा विधि
Lalita Jayanti 2023 Date |
Lalita Jayanti 2023 Date: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ललिता जयंती (Lalita Jayanti) मनाई जाती है। इस दिन विशेष रूप से मां ललिता की पूजा की जाती है। मां ललिता को दस महाविद्याओं में से तीसरी महाविद्या माना जाता है। इन्हें मां ललिता के अलावा षोडशी और त्रिपुरा सुंदरा आदि नामों से भी जाना जाता है। ललिता जयंती के दिन यदि कोई साधक पूरे विधि विधान से मां ललिता की पूजा (Goddess Laltia Puja) कर ले तो उसे सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दिन मां ललिता की पूजा करने वाले व्यक्ति को जीवन के सभी सुखों की भी प्राप्ति होती है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं ललिता जयंती 2023 में कब है (Lalita Jayanti 2023 Mein Kab Hai), ललिता जयंती का शुभ मुहूर्त (Lalita Jayanti Shubh Muhurat), ललिता जयंती का महत्व और ललिता जयंती की पूजा विधि (Lalita Jayanti Ka Mahatva and Lalita Jayanti Puja Vidhi)
ललिता जयंती का महत्व (Lalita Jayanti Importance)
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को ललिता जयंती मनाई जाती है। इस दिन विशेष रूप से मां ललिता की पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि इस दिन मां ललिला की विधिवत पूजा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और साथ ही जन्म-मरण के च्रक से भी मुक्ति मिलती है। इसके अलावा इस दिन मां ललिता की पूजा करने से सभी प्रकार के सुखों की भी प्राप्ति होती है। इस दिन कई लोग मां ललिता की पूजा सिद्धियां प्राप्ति के लिए भी करते हैं।
इस दिन कई जगहों पर मेले भी लगते हैं। मां ललिता के मंदिर में इस दिन मां के दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। ललिता जयंती के दिन मां ललिता के साथ स्कंदमाता और भगवान शंकर की पूजा की जाती है। मां ललिता को राजेश्वरी, षोडशी,त्रिपुरा सुंदरी आदि नामों से भी जाना जाता है। मां ललिता का ही एक रूप तांत्रिक पार्वती भी है।
ललिता जयंती की पूजा विधि (Lalita Jayanti Puja Vidhi)
1.ललिता जयंती के दिन साधक को सुबह सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए और स्नान आदि करने के बाद सफेद रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. इसके बाद एक चौकी पर गंगा जल छिड़कें और उसे उत्तर दिशा में स्थापित करने के बाद उस पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं।
3. चौकी पर वस्त्र स्थापित करने के बाद मां ललिता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। यदि आपको मां ललिता की तस्वीर या फिर मूर्ति न मिले तो आप श्री यंत्र भी स्थापित कर सकते हैं।
4. इसके बाद कुमकुम से मां ललिता का तिलक करें और उन्हें अक्षत, फल,फूल,माला और दूध से बना प्रसाद या खीर अर्पित करें।
5. मां ललिता को यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद उनकी विधिवत पूजा करें और ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥ मंत्र का जाप करें।
6. मंत्र जाप के बाद मां ललिता की कथा पढ़ें या सुनें।
7. इसके बाद मां ललिता की धूप व दीप से आरती उतारें और उन्हें सफेद रंग की मिठाई या खीर का भोग लगाएं।
8. अंत में मां ललिता से पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें।
ललिता जयंती 2023 तिथि (Lalita Jayanti 2023 Tithi)
5 फरवरी 2023
ललिता जयंती 2023 शुभ मुहूर्त (Lalita Jayanti 2023 Shubh Muhurat)
पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ- रात 9 बजकर 29 मिनट से (4 फरवरी 2023)
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति- अगले दिन रात 11 बजकर 58 मिनट तक (5 फरवरी 2023)
कोई टिप्पणी नहीं
If you have and doubts. Please Let Me Know