Magha Purnima 2023 Date: माघ पूर्णिमा 2023 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त,महत्व और माघ पूर्णिमा की पूजा विधि
Magha Purnima 2023 Date |
Magha Purnima 2023 Date: माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इन दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं माघ पूर्णिमा 2023 में कब है (Magha Purnima 2023 Mein Kab Hai), माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Magha Purnima Shubh Muhurat), माघ पूर्णिमा का महत्व और माघ पूर्णिमा की पूजा विधि (Magha Purnima Importance and Magha Purnima Puja Vidhi)
माघ पूर्णिमा का महत्व (Magha Purnima Ka Mahatva)
माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली इस पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा और माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। क्योंकि हिंदू धर्म के अनुसार इस दिन ऐसा करने से मनुष्य के सभी प्रकार के पार धुल जाते हैं और उसकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो व्यक्ति तारों की छांव में किसी पवित्र नदी में स्नान करता है उसके घोर पाप भी घूल जाते हैं। इसी कारण से माघ पूर्णिमा को विशेष महत्व दिया जाता है।
इसके अलावा इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से न केवल सभी पाप घूलते हैं बल्कि मरने के बाद मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। इस दिन विशेष रूप से पितरों का तर्पण भी किया जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से न केवल उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है बल्कि उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। माघ पूर्णिमा के स्नान और तर्पण के साथ-साथ दान को भी अत्यंत विशेष माना गया है। इस दिन विशेष रूप से कंबल, स्वर्ण, तिल , वस्त्र और कपास का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
माघ पूर्णिमा पूजा विधि (Magha Purnima Puja Vidhi)
1. माघ पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। इस दिन साधक को सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र में स्नान अवश्य करना चाहिए और इसके बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. इसके बाद एक चौकी पर गंगाजल डालकर उसे अच्छी तरह से साफ करें और फिर उस पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और फिर भगवान सत्यनारायण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
3. भगवान सत्यनारायण की तस्वीर स्थापित करने के बाद चौकी के दोनों तरफ दो केले के पत्ते लगाएं और फिर भगवान सत्यनारायण को पंचामृत से स्नान कराएं।
4. इसके बाद उन्हें पान, सुपारी, दूध, शहद, केला और अन्य फल, तुलसी के पत्ते और मेवा वाला चरणामृत, आटे की पंजीरी का प्रसाद अर्पित करें।
5. इन सभी चीजों को अर्पित करने के बाद भगवान सत्यनारायण को रोली को तिलक करें और स्वंय भी रोली का तिलक लगाएं और फिर उनकी विधिवत पूजा करें।
6.पूजा के बाद भगवान सत्यनारायण की कथा अवश्य पढ़ें या सुनें।क्योंकि भगवान सत्यनारायण की पूजा में उनकी कथा को विशेष महत्व दिया जाता है।
7.कथा सुनने के बाद भगवान सत्यनारायण को पंचामृत और पंजीरी का भोग लगाएं।
8. इसके बाद धूप व दीप से भगवान सत्यनारायण जी की आरती उतारें।
9. भगवान सत्यनारायण जी की आरती उतारने के बाद पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए उनसे क्षमा याचना अवश्य करें।
10. इसके बाद सभी लोगों के बीच पंजीरी और चरणामृत का प्रसाद बांटें और इसके बाद किसी गाय या ब्राह्मण को भोजन अवश्य कराएं।
माघ पूर्णिमा 2023 तिथि (Magha Purnima 2023 Tithi)
5 फरवरी 2023
माघ पूर्णिमा 2023 शुभ मुहूर्त (Magha Purnima 2023 Shubh Muhurat)
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - रात 9 बजकर 29 मिनट से (4 फरवरी 2023 )
पूर्णिमा तिथि समाप्त - अगले दिन रात 11 बजकर 58 मिनट तक (5 फरवरी 2023 )
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