Ratha Saptami 2023 Date: रथ सप्तमी 2023 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और रथ सप्तमी की पूजा विधि
Ratha Saptami 2023 Date |
Ratha Saptami 2023 Date: माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी मनाई जाती है। रथ सप्तमी के अलावा इस सप्तमी (Saptami) को माघ सप्तमी (Magha Saptami) के नाम से जाना जाता है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान सूर्य की पूजा (Lord Surya Puja) की जाती है। पुराणों के अनुसार इसी सूर्यदेव ने पूरे संसार को प्रकाश प्रदान किया था तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं रथ सप्तमी 2023 में कब है (Ratha Saptami 2023 Mein Kab Hai), रथ सप्तमी का शुभ मुहूर्त (Ratha Saptami Shubh Muhurat), रथ सप्तमी का महत्व और रथ सप्तमी की पूजा विधि (Ratha Saptami Ka Mahatva and Ratha Saptami Puja Vidhi)
रथ सप्तमी का महत्व (Ratha Saptami 2023 Importance)
रथ सप्तमी के दिन विशेष रूप से सूर्यदेव की पूजा की जाती है। सूर्यदेव को ब्राह्मांड की ऊर्जा का कारण माना जाता है। इसलिए इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से जातक को धन और संतान के साथ-साथ मनोवांछित फलों की भी प्राप्ति होती है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति रथ सप्तमी का व्रत रखता है उसे सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है और सात ही जीवन के सभी सुख भी प्राप्त होते हैं।
रथ सप्तमी के इस व्रत का पालन षष्ठी तिथि से ही किया जाता है। इसलिए जो भी व्यक्ति रथ सप्तमी का व्रत करता है उसे षष्ठी तिथि के दिन एक ही समय भोजन करना चाहिए। रथ सप्तमी के इस व्रत को महिलाएं विशेष रूप से करती हैं। इसलिए इस व्रत को सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।
रथ सप्तमी पूजा विधि (Ratha Saptami Puja Vidhi)
1. रथ सप्तमी के नियमों का पालन साधक को षष्ठी तिथि से ही करना चाहिए और षष्ठी तिथि से ही नमक को ग्रहण नहीं करना चाहिए और साथ ही सिर्फ एक ही समय भोजन करना चाहिए।
2. इस दिन विशेष रूप से भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। इसलिए इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठें और किसी पवित्र नदी, कुंड या तालाब में स्नान करें और लाल रंग के वस्त्र ही धारण करें।
3.स्नान करने के बाद एक तांबे का पत्र लेकर उसमें जल, गंगाजल, रोली और लाल पुष्प डालें और सिर पर सात आक के पत्ते रखें।
4. आक के पत्ते रखने के बाद नमस्कार मुद्रा में खड़े हो जाएं और फिर किसी गमले को अपने सामने रख लें।
5. इसके बाद सूर्यदेव को इस प्रकार से जल दें कि वह जल पैरों में न आए।
7. सूर्यदेव को जल देते समय नमस्ते रुद्ररूपाय रसानां पतये नम:। वरुणाय नमस्तेअस्तु मंत्र का जाप करें आप चाहें तो ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र का भी जाप कर सकते हैं।
8. इसके बाद हाथ जोड़कर सूर्यदेव को प्रणाम करें और पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें।
9. यदि संभव हो तो वहीं बैठकर आदित्य हृदय स्रोत का पाठ अवश्य करें।
10. इसके बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार गेहूं, लाल वस्त्र, तांबा और स्वर्ण आदि वस्तुएं किसी गरीब व्यक्ति या ब्राह्मण को अवश्य दान में दें।
रथ सप्तमी 2023 तिथि (Ratha Saptami 2023 Tithi)
28 जनवरी 2023
रथ सप्तमी 2023 शुभ मुहूर्त (Ratha Saptami 2023 Shubh Muhurat)
रथ सप्तमी के दिन स्नान मूहूर्त - सुबह 5 बजकर 25 मिनट से सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक
रथ सप्तमी के दिन अरुणोदय - सुबह 6 बजकर 47 मिनट
रथ सप्तमी के दिन अवलोकनीय सूर्योदय - सुबह 7 बजकर 12 मिनट
सप्तमी तिथि प्रारम्भ - सुबह 9 बजकर 10 मिनट से (27 जनवरी 2023)
सप्तमी तिथि समाप्त - अगले दिन सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक (28 जनवरी 2023)
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