Falgun purnima 2023 Kab Hai: फाल्गुन पूर्णिमा 2023 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और फाल्गुन पूर्णिमा की पूजा विधि
Falgun purnima 2023 Kab Hai |
Falgun purnima 2023 Kab Hai: फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima) को हिंदू वर्ष का अंतिम दिन माना जाता है। फाल्गुन मास में पड़ने वाली यह पूर्णिमा बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाती है। क्योंकि इसी दिन होलिका दहन भी किया जाता है और उसके अगले दिन रंगों से होली खेली जाती है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं फाल्गुन पूर्णिमा2022 में कब है (Falgun purnima 2023 kab Hai), फाल्गुन पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Falgun purnima Shubh Muhurat) , फाल्गुन पूर्णिमा का महत्व और फाल्गुन पूर्णिमा की पूजा विधि (Falgun purnima Importance and Falgun purnima Puja Vidhi)
फाल्गुन पूर्णिमा का महत्व (Falgun purnima Ka Mahatva)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा को हिंदू वर्ष का अंतिम दिन माना जाता है। इस दिन होलिका दहन किया जाता है। इसी वजह से फाल्गुन पूर्णिमा को हिंदू धर्म में अधिक महत्व दिया जाता है। इस पूर्णिमा के बाद से ही चैत्र मास और हिंदू नववर्ष प्रारंभ होता है। फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन जो भी व्यक्ति पूरा दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करता है। उसे जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा को लक्ष्मी जी के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इसी कारण से कई जगह पर लोग इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। जिससे उनके जीवन में सुख,समृद्धि और धन सदैव बरकरार रहे।
फाल्गुन पूर्णिमा पूजा विधि (Falgun purnima Puja Vidhi)
1. फाल्गुन पूर्णिमा का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इसी दिन होलिका पूजन और होलिका दहन किया जाता है। इस पूजन को शाम के समय में किया जाता है।
2. होलिका पूजन पूर्व या उत्तर दिखा की तरफ मुख करके ही किया जाता है। इसलिए पहले पूर्व या उत्तर दिशा में खड़े हो जाएं और फिर कुछ पानी की बूंदें अपने आस-पास छिड़कें। जिससे आपका शुद्धिकरण हो जाए।
3. इसके बाद एक थाली में रोली, कच्चा सूत, चावल, फूल, साबुत हल्दी, बताशे, फल और एक लोटा पानी लें और फिर नरसिंह भगवान का स्मरण करके होलिका पर रोली , चावल,फूल,बताशे आदि चीजें चढ़ाएं।
4. इन सभी चीजों को अर्पित करने के बाद होलिका के चारों और मौली लपेटे या कच्चा सूत लपेटें और फिर प्रह्वाद का नाम लेकर फूल और भगवान नरसिंह का नाम लेते हुए पांच अनाज चढ़ाएं।
5. इसके बाद अपना नाम, अपने पिता का नाम और गोत्र का नाम लेते हुए चावल चढ़ाएं और फिर होलिका दहन करके उसकी परिक्रमा करें। इसके बाद होलिका की अग्नि में गुलाल चढ़ाएं।
फाल्गुन पूर्णिमा 2023 तिथि (Falgun purnima 2023 Tithi)
7 मार्च 2023
फाल्गुन पूर्णिमा2023 शुभ मुहूर्त (Falgun purnima 2023 Shubh Muhurat)
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - शाम 4 बजकर 17 मिनट से (6 मार्च 2023)
पूर्णिमा तिथि समाप्त - अगले दिन शाम 06 बजकर 09 मिनट तक (7 मार्च 2022)
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