Sheetala Ashtami 2023 Kab Hai: शीतला अष्टमी 2023 कब है, जानिए शुभ मुहूर्त,महत्व और मां शीतला की पूजा विधि
Sheetala Ashtami 2023 Kab Hai |
Sheetala Ashtami 2023 Kab Hai: शीतला अष्टमी का पर्व चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता शीतला की पूजा (Goddess Sheetala Puja) की जाती है और उन्हें बासी भोजन का भोग लगाकर उसी भोजन को ग्रहण किया जाता है। हिंदू धर्म में सिर्फ यही मात्र एक ऐसा व्रत जिसमें बासी भोजन खाया जाता है। शीतला अष्टमी के दिन घर में चूल्हा जलाकर भोजन पकाना वर्जित माना जाता है और यदि कोई ऐसा करता है तो उसे माता शीतला के क्रोध का सामना करना पड़ता है तो आइए जानते हैं साल 2023 में कब है शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami 2023 Mai Kab Hai), क्या है शीतला अष्टमी का शुभ मुहूर्त (Sheetala Ashtami Shubh Muhurat), शीतला अष्टमी का महत्व (Sheetala Ashtami Ka Mahatva) और शीतला अष्टमी पर कैसे करें मां शीतला की पूजा (Mata Sheetala Ki Puja Vidhi)
शीतला अष्टमी का महत्व (Sheetala Ashtami Importance)
माता शीतला को शीतलता की देवी माना जाता है। इसी कारण शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला की पूरे विधि विधान से पूजा- अर्चना की जाती है।इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाकर उस भोजन को ग्रहण किया जाता है। इसी कारण से शीतला अष्टमी को बासोड़ा के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि शीतला अष्टमी के दिन जिस घर में भी पूरे विधि विधान से माता शीतला की पूजा होती है। उस घर के लोगों को माता शीतला सभी प्रकार के रोगो से बचाती है और इसके साथ ही माता शीतला उस घर के लोगों के मन को शीतल करके उनके सभी पापों को नष्ट करती हैं।
शीतला अष्टमी से एक दिन पहले यानी सप्तमी तिथि की रात को ही भोजन बना लिया जाता है और सुबह उठकर घर की ग्रहणी माता शीतला की पूजा करके उन्हें इस भोजन का भोग लगाती हैं और इसी भोजन को प्रसाद स्वरूप घर के सभी लोग ग्रहण करते हैं। शीतला अष्टमी के दिन घर में चूल्हा बिल्कुल भी नहीं जलाया जाता। इस दिन इस नियम का पालन करना बहुत ही अनिवार्य माना जाता है और यदि कोई इस नियम का पालन नहीं करता तो उसे माता शीतला के क्रोध का सामना करना पड़ता है। वैसे चैत्र मास के कृष्ण की अष्टमी तिथि के अलावा वैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर माता शीतला की पूजा की जाती है।
शीतला अष्टमी पूजन विधि (Sheetala Ashtami Pujan Vidhi)
1. शीतला अष्टमी से एक दिन पहले यानी सप्तमी तिथि को रसोई की अच्छी तरह से सफाई करनी चाहिए और स्नान आदि करने के बाद शीतला अष्टमी का भोजन तैयार करना चाहिए। जिसमें मीठा भात, खाजा, चूरमा, कच्चा और पक्का खाना,नमक पारे, बेसन की पकौड़ी मुख्य रूप से हो।
2.इसके बाद शीतला अष्टमी के दिन आपको ठंडे पानी से ही स्नान करना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
3.शीतला अष्टमी की पूजा से पहले आपको कड़वारों को भरना चाहिए। जिसमें रबड़ी, चावल,पुए, पकौड़े और कच्चा पक्का खाना होना चाहिए।
4. इसके बाद एक थाली में काजल,रोली,चावल,मौली,हल्दी,होली के बड़गुल्लों की एक माला और एक रूपए का सिक्का रखें।
5.इस थाली को तैयार करने के बाद एक आंटा गूथकर उसका एक दीपक बनाएं और उसमें रूई की बाती घी में डूबोकर लगाएं।
6. इसके बाद आप माता शीतला के मंदिर में जाएं।यदि आपके घर के आस-पास माता शीतला का कोई मंदिर न हो तो आप होलिका दहन वाले स्थान पर भी माता शीतला की पूजा कर सकती हैं।
7.मंदिर में जाकर सबसे पहले माता शीतला को रोली और हल्दी का टीका लगाएं और उन्हें काजल,मेहंदी और लच्छा और वस्त्र अर्पित करें और उन्हें तीन कंडवारे का समान अर्पित करें
8. इसके बाद उन्हें आंटे का दीपक बिना जलाए ही अर्पित कर दें और उन्हें सभी भोजन सामग्री में से थोड़ा- थोड़ा भोग लगाएं और उन्हें जल चढ़ाएं। आप जो जल माता शीतला को चढ़ा रही हैं उसमें से थोड़ा सा जल लेकर अपने लोटे में ले लें।
9. इसके बाद माता शीतला को प्रणाम करें और उनसे पूजा में हुई किसी भी भूल के क्षमा याचना अवश्य करें।
10. इसके बाद घर आकर लोटे के जल को पूरे घर में छिड़क दें। इससे घर की शुद्धि होती है और घर के सभी सदस्यों को पूजा में से बची हुई हल्दी का तिलक करें। ऐसा करने से उनकी रोगों से रक्षा होती है।
शीतला अष्टमी 2023 तिथि (Sheetala Ashtami 2023 Date)
15 मार्च 2022
शीतला अष्टमी 2023 का शुभ मुहूर्त (Sheetala Ashtami 2023 Shubh Muhurat)
शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त - सुबह 6 बजकर 31 मिनट से शाम 6 बजकर 29 मिनट (15 मार्च 2022)
अष्टमी तिथि प्रारम्भ - रात 8 बजकर 22 मिनट से (14 मार्च 2022)
अष्टमी तिथि समाप्त - अगले दिन शाम 6 बजकर 45 मिनट तक (15 मार्च 2022)
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