Shravana Putrada Ekadashi 2022 Kab Hai: श्रावण पुत्रदा एकादशी 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
Shravana Putrada Ekadashi 2022 Kab Hai
Shravana Putrada Ekadashi 2022 Kab Hai: श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी (Shravana Putrada Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो भी दंपत्ति नि:संतान होते हैं और वह इस एकादशी का व्रत (Ekadashi Vrat)पूरी श्रद्धा के साथ रखते हैं उन्हें भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति अवश्य होती है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं श्रावण पुत्रदा एकादशी 2022 में कब है (Shravana Putrada Ekadashi 2023 Mein Kab Hai),श्रावण पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त (Shravana Putrada Ekadashi Shubh Muhurat), श्रावण पुत्रदा एकादशी का महत्व और श्रावण पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि (Shravana Putrada Ekadashi Ka Mahatva and Shravana Putrada Ekadashi Puja Vidhi)
श्रावण पुत्रदा एकादशी का महत्व (Shravana Putrada Ekadashi Ka Mahatva)
एक साल में 24 एकादशीयां आती है। जिसमे से पुत्रदा एकादशी का विशेष स्थान प्राप्त है। क्योंकि पुत्रदा एकादशी का व्रत योग्य संतान को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। जिन दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हुई है उन्हें इस व्रत को अवश्य करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को एक उत्तम और योग्य संतान की प्राप्ति होती है। इसके अलावा जिन लोगों को पहले से ही संतान सुख की प्राप्ति हो चुकी है। यदि वह लोग इस व्रत को करते हैं तो उनकी संतान संबंधी सभी परेशानियां समाप्त हो जाती है।
इस व्रत को करने से संतान को सफलता निश्चित ही प्राप्त होती है। सभी एकादशियों की तरह ही इस एकादशी में भी भगवान विष्णु की पूजा अराधना की जाती है। इतना ही इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है और मरने के बाद उसे बैकुंठ धाम की भी प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को अश्वमेघ यज्ञ के बराबर बताया गया है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को पुत्रदा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए।
श्रावण पुत्रदा एकादशी की पूजन विधि (Shravana Putrada Ekadashi Pujan Vidhi)
1. श्रावण पुत्रदा एकादशी के नियमों का पालन दशमी तिथि से ही करना चाहिए। इसलिए दशमी तिथि से ही नमक का त्याग कर देना चाहिए।
2.इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए और स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
3. इसके बाद एक साफ चौकी पर गंगाजल छिड़कर उस पर पीले रंग का वस्त्र बिछाना चाहिए और भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए।
4. पंचामृत में तुलसी दल अवश्य ही होना चाहिए। इसके बाद उस चौकी पर भगवान विष्णु का चित्र स्थापित करें।
5. चित्र स्थापित करने के बाद कलश की भी स्थापन करें और कलश पर लाल रंग का कपड़ा बांधें।
6. इसके बाद भगवान विष्णु का चंदन से तिल करें और उन्हें पीले फूलों की माला और पुष्प अर्पित करें।
7. पुष्प अर्पित करने के बाद भगवान विष्णु को पीले फल, नैवेद्य, पीले रंग की मिठाई आदि अर्पित करें।
8. इसके बाद भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें और उनके मंत्रों का उच्चारण करें और पुत्रदा एकादशी की कथा सुनें।
9. पूजा के बाद भगवान विष्णु की धूप व दीप से आरती उतारें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं।
10. इसके बाद भगवान विष्णु से जाने- अनजाने में हुई भूल के लिए क्षमा प्रार्थना करें।
श्रावण पुत्रदा एकादशी 2022 तिथि (Shravana Putrada Ekadashi 2022 Tithi)
8 अगस्त 2022
श्रावण पुत्रदा एकादशी 2022 शुभ मुहूर्त (Shravana Putrada Ekadashi 2022 Shubh Muhurat)
श्रावण पुत्रदा एकादशी के पारण का समय- सुबह 6 बजकर 1 मिनट से सुबह 8 बजकर 15 मिनट तक (9 अगस्त 2022)
एकादशी तिथि प्रारम्भ -दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से (7 अगस्त 2022)
एकादशी तिथि समाप्त - अगले दिन सुबह 11 बजकर 30 मिनट तक (8 अगस्त 2022)
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