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Diwali 2022 Kab Hai: दिवाली 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त,महत्व और पूजा विधि

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Diwali 2021 kab ki Hai

Diwali 2022 Kab Hai: दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म में अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश के साथ माता लक्ष्मी और कुबेर जी की भी पूजा की जाती है। वहीं शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे और अयोध्यावासियों ने भगवान राम,माता और लक्ष्मण जी का स्वागत दीप जलाकर किया था तो चलिए जानते हैं साल 2022 में कब है दिवाली (Diwali 2022 Mein Kab Hai), दिवाली का शुभ मुहूर्त (Diwali ka Shubh Muhurat) , दिवाली का महत्व और दिवाली की पूजा विधि (Diwali Ka Mahatva And Diwali ki Puja Vidhi)

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दिवाली का महत्व (Diwali Importance) 

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाए जाने वाले त्योहार को दिवाली के नाम से जाना जाता है। इस दिन पूरे घर को दीप जलाकर सजाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान श्री राम वनवास काटकर आयोध्या वापस लौटे थे। इसलिए हर साल भगवान राम के स्वागत में दीप जलाएं जाते हैं। दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है इस दिन सुबह पूरे घर की अच्छी तरह से साफ सफाई की जाती है और घर को सजाया जाता है।

दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई जाती है। दिवाली के इस त्योहार को पटाखे जलाकर बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। शाम के समय भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के साथ-साथ कुबेर जी की भी पूजा की जाती है। दिवाली की पूजा में लोग अपने पैसों, गहनों और बहीखातों को भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के आगे रखते हैं। जिससे निरंतर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद उन्हें मिले।

दिवाली की पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi) 

1. दिवाली के दिन शाम के समय स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। 

2. इसके बाद एक चौकी पर गंगाजल डालकर उसे शुद्ध करके एक साफ कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित करें।

3. भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित करने के बाद एक कलश स्थापित करें और उस पर स्वास्तिक बनाएं मौली से पांच गांठ बांधे।इसके बाद उस कलश पर आम के पत्ते रखें।

4. इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के आगे पंच मेवा, गुड़ फूल , मिठाई,घी , कमल का फूल ,खील बातसें आदि रखें और तेल साथ ही घी के दीपक भी जलाएं।

5. तेल और घी के दीपक जलाने के बाद अपने गहने, पैसे और बहीखाते भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के आगे रखें। 

6. इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें।

7. इस दिन श्री सूक्त का पाठ करना बहुत ही शुभ रहता है। इसलिए यह पाठ अवश्य करें और भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आरती उतारें।

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दिवाली 2022 तिथि (Diwali 2022 Tithi)

 24 अक्टूबर 2022

दिवाली 2021 लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali 2021 Laxmi Puja Shubh Muhurat)

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - शाम 7 बजकर 03 मिनट से रात 8 बजकर 42 मिनट तक (24 अक्टूबर 2022)

प्रदोष काल - शाम 6 बजकर 03 मिनट से रात 8 बजकर 42 मिनट तक (24 अक्टूबर 2022)

वृषभ काल - शाम 7 बजकर 03 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक (24 अक्टूबर 2022)

अमावस्या तिथि प्रारम्भ - शाम 07 बजकर 57 मिनट से (24 अक्टूबर 2022)

अमावस्या तिथि समाप्त - अगले दिन सुबह 06 बजकर 48 मिनट तक (25 अक्टूबर 2022)





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