Akshay Navami 2022 Kab Hai: अक्षय नवमी 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
Akshay Navami 2022 Kab Hai |
Akshay Navami 2022 Kab Hai: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी का त्योहार (Akshay Navami Festival) मनाया जाता है। अक्षय नवमी को आंवला नवमी (Amla Navami) के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण (Lord Krishna) ने गोकुल का त्याग करके मथुरा अपने कर्तव्यों का पालन करने गए थे तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं अक्षय नवमी 2022 में कब है (Akshay Navami 2022 Mein Kab Hai), अक्षय नवमी का शुभ मुहूर्त (Akshay Navami Ka Shubh Muhurat), अक्षय नवमी का महत्व और अक्षय नवमी की पूजा विधि (Akshay Navami Importance and Akshay Navami Puja Vidhi)
अक्षय नवमी का महत्व (Akshay Navami Ka Mahatva)
अक्षय नवमी का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार को दिवाली के बाद मनाया जाता है। अक्षय नवमी की पूजा पूरे परिवार और दोस्तों के साथ की जाती है। इस त्योहार को आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व उत्तर भारत और मध्य भारत में मनाया जाता है।
मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण गोकुल को छोड़कर अपने कर्तव्य को पूर्ण करने के लिए मथुरा गए थे। इतना ही नहीं इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अपनी सभी बाल लीलाओं का भी त्याग किया था। अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है। जिसे महिलाएं अपनी संतान और परिवार के सुख के लिए करती हैं।
पुराणों के अनुसार इसी दिन द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि अक्षय नवमी के ही दिन भगवान विष्णु ने कुष्माण्डक नाम के राक्षस का भी वध किया था और उसके शरीर से कुष्माण्ड की बेल निकली थी। इसी कारण से इस दिन कुष्माण्ड का दान भी किया जाता है।
शास्त्रों के अनुसार आंवला का वृक्ष भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना गया है। इसके अलावा आंवला, पीपल, वटवृक्ष, शमी , आम और कदम्ब के वृक्ष को चारों पुरुषार्थों को प्राप्त कराने वाला कहा गया है। आंवला नवमी के दिन पूजा करने से गोदान का फल का प्राप्त होता है।
अक्षय नवमी की पूजा विधि (Akshay Navami Puja Vidhi)
1. अक्षय नवमी के दिन महिलाओं को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. इस दिन आंवला के वृक्ष की पूजा की जाती है और उसी के नीचे बैठकर भोजन किया जाता है।
3. पूजा के लिए सबसे पहले आंवले के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा की और मुख करके बैठें।
4. इसके बाद आंवला के पेड़ पर दूध चढ़ाएं और कच्चा सूत बांधें और फिर मेहंदी, चूड़ी या सिंदूर आदि में से कोई भी एक चीज आंवले के वृक्ष पर चढ़ाएं।
5.यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद आंवले के वृक्ष का तिलक करें और फिर धूप व दीप जलाएं।
6. इसके बाद आंवले के वृक्ष की 108 परिक्रमा करें। यदि आप 108 परिक्रमा न कर पाएं तो 8 परिक्रमा करके हाथ जोड़ लें।
7. परिक्रमा करने के बाद आंवला नवमी की कथा ध्यान पूर्वक सुने।
8. कथा सुनने के बाद आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर ही भोजन करें और भोजन में आंवले का प्रयोग अवश्य करें। भोजन करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की और ही होना चाहिए।
9.आंवला नवमी के दिन किसी ब्राह्मणी औरत को सुहाग का समान, खाने की चीजें और कुछ दान दक्षिणा अवश्य दें।
10. आवंला नवमी के दिन सोने चांदी का दान करने पर उसका छ: गुना फल मिलता है। इसलिए यदि संभव हो तो इस दिन सोने और चांदी का दान अवश्य करें।
अक्षय नवमी 2022 तिथि (Akshay Navami 2022 Date)
2 नवंबर 2022
अक्षय नवमी 2022 शुभ मुहूर्त (Akshay Navami 2022 Shubh Muhurat)
अक्षय नवमी पूर्वाह्न समय - सुबह 7 बजकर 28 मिनट से सुबह 11 बजकर 39 मिनट तक
नवमी तिथि प्रारम्भ - दोपहर 1 बजकर 34 मिनट से (1 नवंबर 2022)
नवमी तिथि समाप्त - अगले दिन सुबह 11 बजकर 39 मिनट तक (2 नवंबर 2022)
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