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Dattatreya Jayanti 2022 Kab Hai: दत्तात्रेय जयंती 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त,महत्व और पूजा विधि


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Dattatreya Jayanti 2022 Kab Hai


Dattatreya Jayanti 2022 Kab Hai: मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को दत्तात्रेय जयंती मनाई जाती है।इन्हें भगवान शिव, भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी तीनों का अवतार माना जाता है। माना जाता है कि भगवान दत्तात्रेय सिर्फ स्मरण करने मात्र से ही वह अपने भक्तों के पास पहुंच जाते हैं तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं दत्तात्रेय जयंती 2022 में कब है (Dattatreya Jayanti 2022 Mein Kab Hai),दत्तात्रेय जयंती का शुभ मुहूर्त (Dattatreya Jayanti Ka Shubh Muhurat), दत्तात्रेय जयंती का महत्व और दत्तात्रेय जयंती की पूजा विधि (Dattatreya Jayanti Imortacne and Dattatreya Jayanti Puja Vidhi)

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दत्तात्रेय जयंती का महत्व (Dattatreya Jayanti Ka Mahatva)

दत्तात्रेय जयंती मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। जिसे दत्त जयंती के नाम से भी जाना जाता है।दत्तात्रेय जयंती विशेष रूप से कर्नाटक,महराष्ट्र,आंध्र प्रदेश और गुजरात में मनाई जाती है। भगवान दत्तात्रेय को ऋषि अत्रि और देवी अनुसूया का पुत्र माना जाता हैं। इन्हें भगवान शिव, भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी तीनों का अवतार माना जाता है। पुराणों के अनुसार माना जाता है कि दत्तात्रेय ने 24 गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की थी।

इतना ही नहीं माना जाता है कि भगवान दत्तात्रेय सिर्फ स्मरण करने मात्र से ही वह अपने भक्तों के पास पहुंच जाते हैं। इस कारण से इन्हें ''स्मृतिमात्रानुगन्ता '' और ''स्मर्तृगामी '' भी कहा जा ता है। भगवान दत्तात्रेय का जन्म मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को प्रदोष काल में हुआ था । इसी कारण से हर साल इस समय पर ही दत्तात्रेय जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान दत्तात्रेय की मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

दत्तात्रेय जयंती पूजन विधि (Dattatreya Jayanti Pujan Vidhi)

1. दत्तात्रेय जयंती के दिन साधक को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

2. इसके बाद साधक चाहें तो मंदिर में जाकर भगवान दत्तात्रेय की पूजा कर सकता है या फिर अपने घर पर ही भगवान दत्तात्रेय की पूजा कर सकता है।

3.साधक को दत्तात्रेय की पूजा करने से पहले एक चौकी पर गंगा जल छिड़कर उस पर सा फ वस्त्र बिछाना चाहिए और भगवान दत्तात्रेय की तस्वीर स्थापित करनी चाहिए।

4.इसके बाद भगवान दत्तात्रेय को फूल,माला आदि अर्पित करके उनकी धूप व दीप से विधिवत पूजा करनी चाहिए।

5. साधक को इस दिन भगवान के प्रवचन वाली अवधूत गीता और जी वनमुक्ता गीता अवश्य पढ़नी चाहिए।

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दत्तात्रेय जयंती 2022 तिथि (Dattatreya Jayanti 2022 Date)

7 दिसंबर 2022

दत्तात्रेय जयंती 2022 शुभ मुहूर्त (Dattatreya Jayanti 2022 Shubh Muhurat)

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ -  सुबह 10 बजकर 31 मिनट से (7 दिसंबर 2022)

पूर्णिमा तिथि समाप्त -  अगले दिन दोपहर 12 बजकर 07 मिनट तक (8 दिसंबर 2022)


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