Govardhan Puja Time 2022: इस बार दिवाली के अगले दिन नहीं होगी गोवर्धन पूजा, जानिए क्या है इसका कारण
Govardhan Puja Time 2022 |
Govardhan Puja Time 2022: हर साल दीपावली (Deepwali) के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पर्व (Govardhan Puja Festival) मनाया जाता है। हालांकि इस बार ऐसा नहीं होगा। 24 अक्टूबर को दीपावली और और 25 को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) होगा। गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर 2022 को की जाएगी।
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस साल दीपावली 24 अक्टूबर को है, लेकिन अगले दिन सूर्य ग्रहण है। जिसके कारण गोवर्धन पूजा का त्योहार बुधवार 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र देव के प्रकोप से ब्रज वासियों को बचाया था। तब से गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाने लगा।
24 को दीपावली और 25 को सूर्य ग्रहण
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 22 - 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाई जाएगी। अगले दिन यानी 23 को रूप चतुर्दशी मनेगी। 24 अक्टूबर को ही सुबह रूप चतुर्दशी और शाम को दीपावली पर्व मनाया जाएगा। 25 को आंशिक सूर्य ग्रहण होने से कोई पर्व नहीं रहेगा। 26 तारीख को गोवर्धन पूजा और 27 को भाई दूज मनाई जाएगी।
25 अक्टूबर को नहीं होगी गोवर्धन पूजा
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि भगवान को बाजरा, चावल, मूंग और मोठ सहित कई तरह के व्यंजनों का भोग लगाए जाने वाला यह त्योहार दीपावली के अगले दिन नहीं होगा। इस बार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी युक्त प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 24 अक्टूबर को पड़ रही है। मतलब यह तो तय है कि दिवाली 24 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। लेकिन, इसके अलगे दिन यानी 25 अक्टूबर को खंडग्रास सूर्यग्रहण पड़ रहा है। इसके चलते 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा नहीं होगी।
सूर्यग्रहण का समय
ग्रहण प्रारंभ- 4-29 दोपहर
ग्रहण समाप्त--6-32 शाम
भारत में कहां दिखेगा सूर्यग्रहण
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि दीपावली के अगले दिन सूर्य ग्रहण दोपहर 4.30 बजे चरम पर रहेगा। यह ग्रहण दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, पंचाब, उत्तराखंड, लेह और जम्मू में अच्छे से दिखाई देगा।
25 अक्टूबर को प्रभावी रहेगा सूतक काल
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य ग्रहण के समय सूतक काल प्रभावी हो जाता है। सूतक काल सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। 26 अक्टूबर को ग्रहण भारत में दोपहर 4.30 बजे से लगना शुरू हो जाएगा। ऐसे में सूतककाल 12 घंटे पहले लगेगा। इस कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। सूतक काल में शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
गोवर्धन पूजा
प्रतिपदा तिथि आरंभ: 25 अक्टूबर 2022, दोपहर 04.18 बजे से
प्रतिपदा तिथि समाप्त: 26 अक्टूबर 2022, दोपहर 02.42 बजे तक
गोवर्धन पूजा तिथि: बुधवार 26 अक्टूबर 2022
गोवर्धन पूजा मुहूर्त:
26 अक्टूबर 2022 सुबह 06.29 बजे से सुबह 08.43 तक
पूजा अवधि: 02 घंटे 14 मिनट
गोवर्धन पूजा विधि
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन देवता की प्रतिमा बनाई जाती है। उन्हें पुष्पों से सजाया जाता है। पूजन के दौरान देवता को दीपक, फूल, फल, दीप और प्रसाद अर्पित करें। गोवर्धन देवता को शयन मुद्रा में बनाया जाता है। उनकी नाभि के स्थान पर मिट्टी का दीपक रखा जाता है। पूजा के बाद सात बार परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा के समय लोटे से जल गिराते हुए और जौ बोते हुए परिक्रमा करना चाहिए। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने का भी विधान है।
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