Sharada Pooja 2022 Kab Hai: शारदा पूजा 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
Sharada Pooja 2022 Kab Hai |
Sharada Pooja 2022 Kab Hai: दिवाली (Diwali) के दिन मुख्य रूप से भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा (Lord Ganesha Goddess Laxmi and Goddess Saraswati) की जाती है। लेकिन गुजरात में इस दिन मुख्य रूप से मां सरस्वती की पूजा की जाती है। जिसे शारदा पूजा और चोपड़ा पूजा के नाम से जाना जाता है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं शारदा पूजा 2022 में कब है (Sharada Pooja 2022 Mein Kab Hai),शारदा पूजा का शुभ मुहूर्त (Sharada Pooja Ka Shubh Muhurat), शारदा पूजा का महत्व और शारदा पूजा विधि (Sharada Pooja Importance and Sharada Pooja Vidhi)
ये भी पढ़ें- Diwali 2022 Kab Hai: दिवाली 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त,महत्व औरपूजा विधि
शारदा पूजा का महत्व (Sharada Pooja Ka Mahatva)
शारदा पूजा दिवाली के दिन विशेष रूप से गुजरात में की जाती है। यह पूजा देवी सरस्वती (जिसे देवी शारदा के नाम से भी जाना जाता है) को समर्पित है। इस दिन पुराने खातों की किताब को बंद करके नए खातों की किताब खोली जाती है। मां शारदा सरस्वती को बुद्धि और ज्ञान की देवी माना जाता है।
शारदा पूजा के दिन विद्यार्थी अपनी पढ़ाई में सफलता के लिए मां सरस्वती से विशेष प्रार्थना करते हैं। शारदा पूजा आमतौर पर परिवार के सबसे बड़े सदस्य द्वारा की जाती है। कुछ लोग दिवाली पर सुबह शारदा पूजन करते हैं। इस दिन की जाने वाली चोपड़ा पूजन भी कहा जाता है।
शारदा पूजन विधि (Sharada Poojan Vidhi)
1.शारदा पूजा दिवाली के दिन की जाती है। इस दिन शाम के समय लक्ष्मी पूजन के समय ही मां शारदा की पूजा करें।
2. इसके बाद एक साफ चौकी लें और उस पर गंगाजल छिड़कर कर सफेद रंग का वस्त्र बिछाएं।
3. चौकी पर कपड़ा बिछाने के बाद भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
4.भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा के बाद मां सरस्वती की पूजा करें। सबसे पहले उन्हें सफेद या पीले रंग फूल और सफेद चंदन अर्पित करें। इसके बाद मां सरस्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
5. यह सभी वस्तुएं अर्पित करने के बाद मां सरस्वती के आगे धूप व दीप जलाएं और ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जाप करें।
6. मंत्र जाप के बाद माता सरस्वती के चरणों में गुलाल अर्पित करें और मां सरस्वती की विधिवत पूजा करें।
7. मां सरस्वती की पूजा करने के बाद पुस्तकों और वाद्य यंत्रों की भी पूजा करें
8. इसके बाद मां सरस्वती की कथा पढ़ें या सुनें और मां सरस्वती की धूप व दीप से आरती उतारें।
9.मां सरस्वती की आरती उतारने के बाद उन्हें मालपुआ और खीर का भोग लगाएं।
10.इसके बाद माता सरस्वती से किसी भी प्रकार की भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें और मालपुआ और खीर घर के सभी लोगों के बीच बाटें।
ये भी पढ़ें- Govardhan Puja 2022 kab Hai: गोवर्धन पूजा 2022 में कब है, जानिए शुभमुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
शारदा पूजा 2022 तिथि (Sharada Pooja 2022 Date)
24 अक्टूबर 2022
शारदा पूजा 2022 शुभ मुहूर्त (Sharada Pooja 2022 Shubh Muhurat)
अमावस्या तिथि प्रारंभ- शाम 5 बजकर 25 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त- अगले दिन 4 बजकर 15 मिनट तक
कोई टिप्पणी नहीं
If you have and doubts. Please Let Me Know