Sheetala Saptami Significance: जानिए क्या है शीतला सप्तमी का महत्व
Sheetala Saptami Significance: शीतला सप्तमी और शीतला अष्टमी का त्योहार (Sheetala Saptami and Sheetala Ashtami Festival) देवी शीतला समर्पित होता है। शीतला सप्तमी का व्रत महिलाएं अपनी संतान को गंभीर बिमारियों से बचाने के लिए करती हैं। शीतला माता के व्रत में अनुष्ठान के अनुसार ठंडा और पहले से पका हुआ भोजन करना शामिल है। वही भोजन शीतला माता (Goddess Sheetala) को भोग के रूप में परोसा जाता है। देवी शीतला शीतलता की देवी मानी जाती हैं। इसी वजह से इस व्रत में बासी भोजन को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। इसके अलावा और क्या है शीतला सप्तमी का महत्व आइए जानते हैं।
ये भी पढ़ें- Sheetala Saptami 2024 Kab Hai: जानिए साल 2024 में कब है शीतलासप्तमी और क्या है शीतला सप्तमी का शुभ मुहूर्त
शीतला सप्तमी का महत्व (Sheetala Saptami Ka Mahatva)
शीतला सप्तमी का त्योहार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन मनाया जाता है। होली के सात दिन बाद पड़ने वाले इस त्योहार को माता शीतला की विधिवत पूजा की जाती है।इस दिन माता शीतला की विधिवत पूजा की जाती है और उन्हें बासी भोजन का भोग लगाया जाता है।
ये भी पढ़ें- Holi Significance: जानिए क्या है होली का महत्व
इसलिए महिलाएं एक दिन पहले ही कच्चा पक्का भोजन बनकर रख लेती हैं और जिस जगह होलिका दहन किया जाता है उस जगह जाकर माता शीतला का पूजन करती हैं। माता शीतला को सभी रोगों को दूर करने वाली देवी माना जाता है।
कुछ महिलाएं इस दिन व्रत करके माता शीतला की पूजा करती हैं और उनसे प्रार्थना करती हैं कि उनकी संतान की सभी प्रकार के रोगों से रक्षा हो। भारत में इस त्योहार को दो दिन मनाया जाता है। कुछ लोग बासोड़ा को शीतला सप्तमी के दिन तो वहीं कुछ लोग बासोड़ा को शीतला अष्टमी के दिन पूजते हैं। इस दिन घर में चूल्हा जलाना वर्जित होता है। यदि कोई ऐसा करता भी हो तो उसे माता शीतला के क्रोध के सामना करना पड़ता है।
कोई टिप्पणी नहीं
If you have and doubts. Please Let Me Know