Akshaya Tritiya Puja Vidhi: जानिए अक्षय तृतीया की संपूर्ण पूजा विधि
Akshaya Tritiya Puja Vidhi |
Akshaya Tritiya Puja Vidhi: अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज (Akha Teej) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, दान करते हैं, पवित्र अग्नि में जौ चढ़ाते हैं और भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी (Lord Ganesha and Goddess Laxmi) की विशेष पूजा करते हैं। अक्षय तृतीया त्रेता युग की शुरुआत का प्रतीक है। पवित्र हिंदू धर्मग्रंथों और पुराणों में एक कहानी है जो कहती है कि अक्षय तृतीया के दिन वेदव्यास ने भगवान गणेश के साथ महान महाकाव्य महाभारत लिखना शुरू किया था।
वहीं मां गंगा भी इसी दिन पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इसके अलावा इस दिन जो भी चीजें खरीदें जाती हैं, वह अपने साथ समृद्धि और सौभाग्य लाती हैं। लेकिन इसके अलावा इस दिन गई पूजा से भगवान गणेश और मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं अक्षय तृतीया की संपूर्ण पूजा विधि
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अक्षय तृतीया पूजा विधि (Akshaya Tritiya Puja Vidhi)
1. अक्षय तृतीया के दिन पूजा करने वाले व्यक्ति को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. इसके बाद एक चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कें और उस पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।
3. वस्त्र बिछाने के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
4. इसके बाद उन पर अक्षत चढ़ाएं और सफेद कमल या सफेद गुलाब के फूल भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को अर्पित करें।
5. पुष्प अर्पित करने के बाद नैवेद्य के रूप में जौ, गेंहू, या सत्तू, ककड़ी, चने की दाल आदि का चढ़ावा करें।
6. इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के आगे धूप व दीप जलाकर उनकी विधिवत पूजा करें।
7. पूजा के बाद अक्षय तृतीया की कथा अवश्य पढ़े या सुनें।
8. कथा सुनने के बाद धूप व दीप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती उतारें।
9. आरती उतारने के बाद उन्हें सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
10.इस दिन किसी निर्धन ब्राह्मण को भोजन करवाएं और उसका आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने मंगल की कामना करें।
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