Anant Chaturdashi Ki Puja Vidhi: यहां जानें अनंत चतुर्दशी की संपूर्ण पूजा विधि
Anant Chaturdashi Ki Puja Vidhi |
Anant Chaturdashi Ki Puja Vidhi: अनंत चतुर्दशी भगवान अनंत को समर्पित है, जो भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के चौदहवें दिन आती है। अनंत चतुर्दशी के दिन ही गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) किया जाता है। इस दिन दस दिवसीय गणपति उत्सव का समापन होता है। अनंत चतुर्दशी पर भक्त भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं और अनंत धागे को रक्षासूत्र के रूप में बांधते हैं। लेकिन अगर आप अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि को नहीं जानते हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि पर एक नजर...
अनंत चतुर्दशी की पूजा विधि (Anant Chaturdashi Puja Vidhi)
1.अनंत चतुर्दशी के दिन साधक को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु,माता यमुना और शेषनाग जी की पूजा की जाती है और अनंत धागा रक्षा के लिए हाथ पर बांधा जाता है।
3. पूजा के लिए सबसे पहले एक साफ चौकी लेकर उस पीले रंग के कपड़ा बिछाएं। उसके बाद माता यमुना के स्थान पर कलश और शेषनाग जी के स्थान पर दूर्वा को रखें और फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें।
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4. यह सभी चीजें स्थापित करने के बाद चौकी रेशम या सूत के धागे में चौदह गांठ लगाकर रखें। इसके बाद भगवान विष्णु और अनंत धागे की रोली,मौली,नैवेद्य, चंदन,धूप व दीप से विधिवत पूजा करें।
5. इसके बाद उस धागे को भगवान विष्णु के चरणों में रखकर ॐ अनंताय नमः मंत्र का जाप करें और फिर अनंत चतुर्दशी की कथा पढ़ें या सुने। इसके बाद धूप व दीप से भगवान विष्णु और अनंत धागे की आरती उतारें और फिर भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं और अंत में इस धागे को अपने दहिने हाथ की कलाई पर बांध लें।
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