Jyeshtha Gauri Avahana Puja Vidhi: यहां जानें ज्येष्ठ गौरी आवाहन की संपूर्ण पूजा विधि
Jyeshtha Gauri Avahana Puja Vidhi |
इस त्योहार को विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के द्वारा मनाया जाता है। माना जाता है कि मां गौरी स्थापना करके उनकी पूजा-अर्चना करने से जीवन में कभी भी धन, धान्य और सुख-समृद्धि की कमीं नहीं रहती। अगर आप भी ज्येष्ठ गौरी आवाहन की पूजा करना चाहती हैं और आपको इस पर्व की पूजा विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं ज्येष्ठ गौरी आवाहन की पूजा विधि पर एक नजर...
ज्येष्ठ गौरी आवाहन की पूजा विधि (Jyeshtha Gauri Avahana Puja Vidhi)
1. इस दिन मां गौरी की मूर्ति की स्थापना की जाती है। इसलिए इस दिन आपको सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और मां गौरी की मूर्ति स्थापना वाली जगह को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए।
2. इसके बाद माता गौरी को शुद्ध जल से स्नान कराएं और फिर पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस प्रतिमा को स्थापित कर दें।
3. प्रतिमा स्थापित करने के मां गौरी को वस्त्र और श्रृंगार की वस्तुएं की अर्पित करें। इसके बाद मां गौरी के माथे पर हल्दी-कुमकुम और अक्षत लगाएं। गौरी पूजन के दौरान के 16 प्रकार के व्यंजनों का भोग मां गौरी को लगाया जाता है।
4. इसके बाद ज्येष्ठ गौरी आवाहन की कथा पढ़ें या सुने और फिर मां गौरी की धूप दीप से आरती उतारें।
5. आरती उतारने के बाद मां गौरी को सभी व्यंजनों का भोग लगाएं और गौरी विसर्जन तक मां गौरी की इसी तरह से सुबह और शाम को पूजा करें।
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