Jyeshtha Gauri Avahana Importance: जानिए क्या है ज्येष्ठ गौरी आवाहन का महत्व
Jyeshtha Gauri Avahana Importance |
ज्येष्ठ गौरी आवाहन का महत्व (Jyeshtha Gauri Avahana Ka Mahatva)
ज्येष्ठ गौरी आवाहन का पर्व गणेश चतुर्थी के दो दिन बाद मनाया जाता है। कई जगहों पर इस पर्व को गौरी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार भगवान गणेश की माता यानी मां पार्वती को समर्पित है। इसके अलावा कई जगहों पर ज्येष्ठ गौरी आवाहन को महालक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है।
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माना जाता है कि अखंड सौभाग्य के लिए महिलाएं भादों के महीने में मां गौरी की आराधना करती हैं। इस पर्व को मुख्य रूप से मराठी लोगों के द्वारा महाराष्ट्र में मनाया जाता है।
इस दिन लोग मां गौरी प्रतिमा लाकर उसे अपने घर में स्थापित करते हैं और दो दिनों तक मां गौरी आराधना करने के उसका विसर्जन कर देते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख, समृद्धि, धन और धान्य की कभी भी कमी नहीं होती।
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