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Lalita Saptami Puja Vidhi: जानिए क्या है ललिता सप्तमी की पूजा विधि

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Lalita Saptami Puja Vidhi

Lalita Saptami Puja Vidhi: ललिता सप्तमी श्री ललिता देवी (Sri Lalita Devi) के सम्मान में मनाई जाती है। यह ललिता देवी का प्राकट्य दिवस है जो राधा जी की घनिष्ठ मित्र थीं। ललिता सप्तमी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को आती है। ललिता देवी राधा के प्रति सबसे समर्पित गोपियों में से एक थीं। यह एक बहुत ही शुभ दिन है, जिसका बहुत महत्व है। ललिता सप्तमी राधारानी के पवित्र प्राकट्य (राधाष्टमी) से एक दिन पहले आती है। ललिता देवी राधा रानी और भगवान कृष्ण (Radha Rani and Lord Krishna) की सबसे प्रिय थीं। इस दिन ललिता देवी की पूजा करने से सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति होती है तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं ललिता सप्तमी की पूजा विधि पर एक नजर... 

ललिता सप्तमी की पूजा विधि (Lalita Saptami Ki Puja Vidhi)

1. ललिता सप्‍तमी की पूजा करने वाले व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

2. इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें और फिर एक चौकी पर गंगाजल छिड़कर उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।

3. चौकी पर कपड़ा बिछाने के बाद पानी से भरे कलश के मुंह पर आम के पत्ते रख दें और इसके ऊपर नारियल स्थापित करें।

4. इसके बाद चौकी पर भगवान श्री गणेश,देवी ललिता और राधा-कृष्ण की मूर्ति को स्थापित करें।

5. इसके बाद भगवान श्री गणेश का ध्यान करें और फिर दीपक जलाएं और फिर फूल, अक्षत, पान, सुपारी और नैवेद्य चढ़ाएं और फिर राधा-कृष्ण की पूजा करें।

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6.यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद हल्दी, चंदन,चावल, गुलाल, फूल, फल, नारियल व प्रसाद भी चढ़ाएं।

7.इसके साथ ही देवी-देवताओं को प्रसाद के रूप में दूध अवश्य चढ़ाएं।

8.दूध चढ़ाने के बाद सभी को खीर-पुरी का प्रसाद और आटे और गुड़ से बने मीठे पुए का भोग लगाएं।

9. इसके बाद केले के पत्ते पर सात पुए को पूजा स्थल पर चढ़ाएं और फिर ललिता सप्तमी की कथा पढ़ें या सुने।

10. इसके बाद सभी देवी देवताओं की आरती करें और फिर किसी ब्राह्मण को सात पुए दें और यदि आप इस दिन व्रत रख रही हैं तो पुए खाकर ही अपना व्रत खोलें।.


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