Varaha Jayanti Importance: जानिए क्या है वराह जयंती का महत्व
Varaha Jayanti Importance |
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जिसमें भगवान विष्णु का रूप आधा वराह (सूअर) और आधा मनुष्य का था। जिस तरह भगवान विष्णु के अन्य अवतारों को विभिन्न त्योहारों के माध्यम से मनाया जाता है, उसी तरह हर साल बड़ी ऊर्जा और भक्ति के साथ वराह जयंती भी मनाई जाती है। इसके अलावा और क्या है वराह जयंती का महत्व (Varaha Jayanti Significance) आइए जानते हैं...
वराह जयंती का महत्व (Varaha Jayanti Ka Mahatva)
वराह जयंती का त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु ने इसी दिन पृथ्वीं को बचाने के लिए वराह अवतार लिया था। इस दिन भगवान विष्णु के भक्त भजन- कीर्तन व उपवास एवं व्रत आदि करते हैं।
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मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति इस व्रत को करता है, उसे भूत प्रेत जैसी बाधाएं उसे कभी भी परेशान नहीं करती। इसके साथ ही इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति के पास धन और संपदा की कोई भी कमीं नही रहती। इस दिन मंदिरो में कई प्रकार के अनुष्ठान किए जाते हैं।
अगर भगवान विष्णु के इस अवतार की बात करें तो इस अवतार में उनका धड़ मानव का और सिर सूअर का है। जो बुराईयों पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
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