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Shardiya Navratri Kalash Sthapana Vidhi: जानिए क्या है शारदीय नवरात्रि पर कलश स्थापना की संपूर्ण विधि

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Shardiya Navratri Kalash Sthapana Vidhi

Shardiya Navratri Kalash Sthapana Vidhi: शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा (Goddess Durga Puja) की जाती है। लेकिन नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा की चौकी लगाकर उन्हें स्थापित किया जाता है और कलश स्थापना की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपको शारदीय नवरात्रि पर कलश स्थापना जिसे घटस्थापना भी कहा जाता है किस विधि से करनी चाहिए। अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं शारदीय नवरात्रि पर कलश की स्थापना संपूर्ण विधि।

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कलश स्थापना सामग्री (Kalash Sthapana Samagri)

कलश स्थापना करने के लिए पहले सप्त अनाज यानी सात तरह के अनाज लें, एक मिट्टी का बर्तन, जौं बोने के लिए मिट्टी, कलश, गंगा जल,आम या अशोक के पत्ते,जट्टा वाला नारियल,सुपारी ,अक्षत,पुष्प,चौकी, माता के लिए सभी श्रृंगार की सामग्री

कलश स्थापना विधि (Kalash Sthapana Vidhi)

कलश स्थापना के लिए सबसे पहले मिट्टी के बर्तन में सप्त धान्य वौ लें।उसके बाद जल से भरे कलश पर रोली से स्वास्तिक बना लें और कलश के ऊपर वाले भाग में कलावा बांधकर मिट्टी के बर्तन में रख दें। इसके बाद तांबे के कलश में साबूत सुपारी डालें और इत्र छिड़कें।कलश में यह सभी सामग्री डालने के बाद उसमें कुछ सिक्के अवश्य डालें।

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कलश में सिक्के डालने के बाद उसमें आम या अशोक के पत्ते अवश्य रखें और कलश का मुंह ढक दें। कलश का मुख ढकने के बाद उस कलश पर अक्षत अवश्य रखें और एक नारियल पर मोली लपेटें और उस नारि यल को लाल चुन्नी से लपेट कर कलश पर रख दें। नारियल स्थापित करने के बाद कलश को जौं के पात्र के बीच में रख दें। इसके बाद सभी देवताओं का ध्यान करें और उनसे प्रार्थना करें कि वह मां दुर्गा के साथ नौ दिनों तक इस कलश में स्थान ग्रहण करें। 

कलश की स्थापना करने के बाद घी का दीपक जलाकर और धूप दिखा कर कलश की पूजा करें। इसके बाद कलश पर माला , फल,फूल, मिठाई और इत्र आदि अर्पित करें। इस प्रकार से नवरात्रि के प्रथम दिन कलश की स्थापना करें और इसके बाद ही मां दुर्गा की पूजा आरंभ करें। जिससे आपको शारदीय नवरात्रि का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

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