Importance of Dhanteras Festival: जानिए क्या है धनतेरस का महत्व
Importance of Dhanteras Festival |
इसके अलावा इस दिन धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती हैं। वहीं धनतेरस से एक दिन पहले वाघ बारस का पर्व मनाया जाता है और धनतेरस के बाद वाले दिन को काली चौदस या नरक चतुर्दशी कहा जाता है। इसके अलावा और क्या है धनतेरस का महत्व आइए जानते हैं...
धनतेरस का महत्व (Dhanteras Ka Mahatva)
धनतेरस से ही दीवाली के पर्व की शुरुआत होती है। इस दिन विशेष रूप से देवताओं के वैध भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन घर में विशेष रूप से नई चीजों को लाया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करना बहुत ही ज्यादा शुभ होता है।
क्योंकि इस दिन जो भी नई चीज घर में लाई जाती है, उसके फल कई गुना बढ़कर मिलते है। लेकिन इस दिन किसी भी चीज को खरीदने से पहले शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि कोई भी चीज शुभ मुहूर्त में खरीदना बहुत ही लाभदायक मानी जाती है।
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इस दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति घर में लाई जाती है। इसके साथ ही इन दिन झाडू खरीदने बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन घर में नई झाडू लाने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। धनतेरस से ही भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा शुरू हो जाती है।
मान्यताओं के अनुसार इस दिन घर की अच्छी तरह से साफ -सफाई करने से बुरी नजर,नकारात्मक शक्ति और आलस्य का नाश होता है और घर में खुशी, धन और सुख- समृध्दि का वास होता है। धनतेरस के दिन विशेष रूप से सोने और चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदे जाते हैं।
इस दिन लोग भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के चांदी के सिक्के भी खरीदते हैं और दिवाली पर इनका पूजन करके पैसे रखने वाले स्थान पर रखते हैं। वहीं कुछ लोग धनतेरस से लेकर दीवाली तक अपने बहीखातों की पूजा करते हैं।
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