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Sandhi Puja Vidhi: यहां जानें संधि पूजा की संपूर्ण विधि

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Sandhi Puja Vidhi

Sandhi Puja Vidhi: संधि पूजा अष्टमी तिथि के खत्म और नवमी तिथि के शुरू होने पर की जाती है। माना जाता है कि इसी समय पर मां दुर्गा ने देवी चामुंडा (Devi Chamunda) रूप धारण करके चंड और मुंड नाम के दो राक्षसों का वध किया था। इसी वजह से इस काल में मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। जिसमें कद्दू और ककड़ी की बलि देकर देवी दुर्गा से विशेष आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। यदि आप भी संधि पूजा में मां दुर्गा की पूजा (Goddess Durga) करना चाहते हैं और आपको इसकी पूजा विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं संधि पूजा की विधि पर एक नजर...

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संधि पूजा विधि (Sandhi Puja Vidhi)

1. संधि पूजा शारदीय नवरात्रि पर अष्टमी और नवमी तिथि के बीच में की जाती है। यह पूजा अष्टमी तिथि के आखिरी 24 मिनट और नवमी तिथि के शुरू के 24 मिनट तक की जाती है।

2.संधि पूजा में मां दुर्गा को 108 दीपक, 108 कमल के फूल और 108 बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं।

3.यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद मां दुर्गा को लाल वस्त्र, लाल फल,पुष्प,चावल,मेवा, श्रृंगार की वस्तुएं और गहने भी अर्पित किए जाते हैं और ढोल और नगाड़ो के साथ मां दुर्गा की विधिवत पूजा की जाती है। 

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4. इस दिन ककड़ी और कद्दू की भी बलि दी जाती है। इनकी बलि देने के बाद मां दुर्गा के मंत्रों का जाप किया जाता है। 

5.अंत में मां दुर्गा की विधिवत पूजा करके आरती उतारी जाती है। 


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