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Shardiya Navratri 2025: झण्डेवाला देवी मंदिर में की गई मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा-अर्चना, शारदीय नवरात्रि के पहले दिन ही उमड़ी भक्तों की भारी भीड़

shardiya navratri 2024 worship of goddess kushmanda was done in jhandewala devi temple on the fourth day of shardiya navratri
Shardiya Navratri 2025

Shardiya Navratri 2025: झण्डेवाला देवी मंदिर (Jhandewala Devi Temple) में शारदीय नवरात्रि मेला कल यानी सोमवार 22. 09. 2025 से आरंभ हो गया है जो 01. 10. 2025 तक चलेगा। कल नवरात्रि के प्रथम दिन मां भगवती के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री (Goddess Shailputri) की आराधना व पूजा अर्चना पूर्ण विधि विधान के साथ की गई।

पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लेने के कारण इन्हे शैलपुत्री नाम से अभिहित किया गया है। प्रात: 4:00 बजे मंदिर के पट खुलने के साथ ही मंदिर परिसर मां के जयकारों से गूंज उठा। हजारों उपस्थित भक्तों ने मां झंडेवाली का जयघोष किया।

मंदिर प्रबंधन ने आने वाले भक्तों की सुविधा को ध्यान मे रखते हुए व्यापक प्रबंध किए हैं, जिनमें मुख्यतः रानी झांसी मार्ग, पुराना नाज सिनेमा व फ्लैटिड फैक्ट्री कोम्पलेक्स में भक्तों के वाहन खड़े करने की निःशुल्क व्यवस्था की गई है। छ: स्थानों पर भक्तों के लिये जूता स्टैंड बनाये गए हैं। 

सुरक्षा  व्यवस्था व्यापक रूप से की गई है। पूरे परिसर व आसपास पास 290  सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मंदिर परिसर व आसपास के क्षेत्र की सज्जा भी आकर्षण का केंद्र है l भक्तों को लाइनों मे कोई असुविधा न हो उसके लिए लाइनों मे पट्टियां  बिछायी गई हैं व बहुत ही सुंदर व मधुर संगीत की व्यवस्था की गई है।

प्रातः 4-00 बजे व सायं 7-00 बजे आरती के द्वारा मां झण्डेवाली की पूजा-अर्चना की गई, जिसका सीधा प्रसारण मंदिर यू-टयूब चैनल, फेसबुक व मंदिर की वैबसाइट पर किया गया।  बाहर से प्रसाद, फूलमाला व किसी अन्य वस्तु लाने की मनाही है। आने वाले हर भक्त को निकासी द्वार पर मां के भण्डारे का प्रसाद दिया जाता है। 

कल विभिन्न कीर्तन मंडलियों द्वारा मुख्य प्रांगण में मां का गुणगान किया गया। दर्शनों के लिए आने वाले भक्तों की सुविधा के लिये मंदिर का चिकित्सा विभाग भी कार्यरत है, जहां पर दक्ष चिकित्सकों द्वारा सेवा 24 घन्टे उपलब्ध है।

भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर की ओर से online दर्शन बुकिंग की व्यव्स्था भी की गई है जिसे वे मंदिर की वैबसाइट व ऐप से बुक कर सकते हैं और अपने निर्धारित समय पर विषेश प्रवेश द्वार से सीधे मंदिर में प्रवेश करते हैं। 

मंदिर में खोया-पाया विभाग भी कार्यरत है जो आने वाले भक्तों को बिछुड गए परिजनों से मिलवाने व खोये या पाए सामान की जानकारी प्राप्त करवाता है ।

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