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Chaitra Navratri 2023 Kab Hai: चैत्र नवरात्रि 2023 में कब है, जानिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, महत्व और मां दुर्गा की पूजा विधि

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Chaitra Navratri 2023 Kab Hai


Chaitra Navratri 2023 Kab Hai: शास्त्रों के अनुसार चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। यह नवरात्रि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है और रामनवमी (Ram Navami 2023) पर कन्या पूजन के साथ इसका समापन कर दिया जाता है। चैत्र मास की नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि को मां दुर्गा की चौकी लगाकर घटस्थापना की जाती है और नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की विधिवत पूजा की जाती है। माना जाता है कि ऐसा करने मां दुर्गा (Goddess Durga) शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती हैं और अपने भक्तों को जीवन के सुख प्रदान करती हैं तो चलिए जानते हैं चैत्र नवरात्रि 2023 में कब है (Chaitra Navratri 2023 Mein Kab Hai), घटस्थापना का शुभ मुहूर्त (Ghatasthapana Ka Shubh Muhurat),चैत्र नवरात्रि का महत्व और चैत्र नवरात्रि पूजा विधि (Chaitra Navratri Ka Mahatva and Chaitra Navratri Puja Vidhi)

चैत्र नवरात्रि का महत्व (Chaitra Navratri Importance) 

भारत में चैत्र नवरात्रि और अश्विन मास की नवरात्रि को विशेष महत्व दिया जाता है। क्योंकि चैत्र नवरात्रि से गर्मियों का प्रारंभ होता है और अश्विन मास की नवरात्रि से सर्दियों का प्रारंभ होता है। इन दोनों ही समय में ऋतुओं का परिवर्तन होता है और नवरात्रि में उपवास करने से शरीर मौसम के बदलाव के लिए पूरी तरह से तैयार होता है। इसलिए नवरात्रि को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व दिया जाता है। 

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और साथ ही मां दुर्गा की चौकी लगाई जाती है और नौ दिनों तक मां दुर्गा की उसी स्थान पर पूजा अर्चना की जाती है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना को अत्यंत ही विशेष माना जाता है। क्योंकि कलश स्थापना का ब्रह्माण्ड का प्रतीक माना जाता है और कलश स्थापना से न केवल घर में शुद्धि होती है बल्कि घर में सुख और संपन्नता  भी आती है।इसके अलावा नवरात्रि के नौ दिनों तक अखंड ज्योत भी जलाई जाती है। जिसे नौ दिनों तक बिल्कुल भी बुझने नहीं दिया जाता।

नवरात्रि में लोग नौ दिनों तक उपवास करके मां दुर्गा की प्रति अपनी भक्ति भावना व्यक्त करते हैं।वहीं जो लोग पूरी नवरात्रि व्रत नहीं रख सकते,वह पहले और आखिरी नवरात्र पर व्रत रखकर मां के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करते हैं। माना जाता है नवरात्रि में पहले तीन दिन की ऊर्जा मां दुर्गा को समर्पित होती है और अगले तीन दिन की ऊर्जा मां लक्ष्मी को अंतिम दिन की ऊर्जा मां सरस्वती को समर्पित होती है। 

मां दुर्गा पूजन विधि (Goddess Durga Pujan Vidhi)

1. चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि का दिन अत्यंत ही महत्वपूर्ण होता है। इसलिए इस दिन आपको सुबह सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए और स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

2. इसके बाद जहां आपको माता की चौकी लगानी है। उस स्थान को अच्छी तरह से साफ कर लें और एक लकड़ी की चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कर उसके ऊपर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।

3.चौकी पर वस्त्र बिछाने के बाद एक कलश लें।कलश का चुनाव आप अपनी इच्छा के अनुसार कर सकते हैं आप चाहें तो मिट्टी का कलश भी ले सकते हैं। इसके बाद कलश पर स्वास्तिक बनाएं और उस कलश में पानी भरें और फिर उस कलश में थोड़ा सा गंगाजल,सुपारी और एक रूपए का सिक्का डालें और उस कलश के मुहं पर मौली बांधें 

4. इसके बाद एक नारियल को लाल रंग की चुन्नी से लपेट कर कलश के ऊपर स्थापित करें और उस कलश को चौकी पर स्थापित कर दें। 

5. इसके बाद एक मिट्टी के बर्तन में ज्वार डालकर उसे बोएं और फिर चौकी मां दुर्गा की मूर्ति या प्रतिमा को स्थापित करें। सबसे पहले मां दुर्गा को लाल रंग की चुन्नी अर्पित करें और फिर उनका रोली से तिलक करें। मां दुर्गा का तिलक करने के बाद कलश और नारियल का भी तिलक करें।

6.तिलक करने के बाद मां दुर्गा को लाल रंग के फूलो की माला पहनाएं और उन्हें पुष्प अर्पित करें और उनके धूप व दीप जलाएं और मां दुर्गा को पांच फल, श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। 

7.इसके बाद गाय के गोबर का उपला जलाकर उस पर घी,दो लौंग,कपूर बताशे आदि की आहूति दें और इसके बाद मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और यदि संभव हो तो नवरात्रि के नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें।

8. मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करने के बाद मां दुर्गा को की कपूर से आरती उतारें और उन्हें बताशों का भोग लगाएं और पूजा स्थल से उठने से पहले मां दुर्गा से पूजा मे हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें और अंत में बताशों को प्रसाद स्वरूप घर के सभी लोगों के बीच में बांटे।

चैत्र नवरात्रि 2023 तिथि (Chaitra Navratri 2023 Date)

22 मार्च  2023 से 30 मार्च 2023

चैत्र नवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2023 Subh Muhurat) 

घटस्थापना मुहूर्त - सुबह 6 बजकर 23 मिनट से सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक (22 मार्च  2023)

घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है।

घटस्थापना मुहूर्त, द्वि-स्वभाव मीन लग्न के दौरान है।


मीन लग्न प्रारम्भ -  सुबह 6 बजकर 23 मिनट से (22 मार्च 2023)

मीन लग्न समाप्त - सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक (22 मार्च 2023)


प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - रात 10 बजकर 52 मिनट से  (21 मार्च 2023) 

प्रतिपदा तिथि समाप्त - अगले दिन रात 08 बजकर 20 मिनट तक (22 मार्च  2023)


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