Sarva Pitru Amavasya 2022 Kab Hai: सर्वपितृ अमावस्या 2022 में कब है, जानिए श्राद्ध मुहूर्त, महत्व और श्राद्ध की विधि
Sarva Pitru Amavasya 2022 Kab Hai |
Sarva Pitru Amavasya 2022 Kab Hai: सर्वपितृ अमावस्या पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2022) का आखिरी दिन होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन सभी पित्तरों का श्राद्ध (Pitru Shradh) एक साथ किया जा सकता है। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति को अपने पूर्वजों के मरने के तिथि न पता तो हो वह इस दिन श्राद्ध कर्म करके अपने पित्तरों को मुक्ति दिला सकता है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं सर्वपितृ अमावस्या 2022 में कब है, सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध का मुहूर्त, सर्वपितृ अमावस्या का महत्व और सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध की विधि।
सर्वपितृ अमावस्या का महत्व (Sarva Pitru Amavasya Importance)
सर्वपितृ अमावस्या को धर्म ग्रंथों में बहुत अधिक महत्व दिया गया है। 'सर्वपितृ' शब्द का अर्थ है सभी पित्तर या पूर्वज और अमावस्या का अर्थ है नया चंद्र दिवस। सर्वपितृ अमावस्या को बंगाल के कई क्षेत्रों में महालय के रूप में मनाया जाता है। जो दूर्गा पूजा के उत्सव की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इसी वजह से इस दिन को महालय अमावस्या और सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है।
दक्षिण भारत में सर्वपितृ अमावस्या को भाद्रपद महीने में मनाया जाता है और उत्तर भारत में इसे अश्विन महीने में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या पितृ पक्ष की आखिरी तिथि होती है। जिसमें सभी पित्तरों का एक साथ श्राद्ध किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को अपने किसी पूर्वज के मरने के तिथि न पता हो तो वह इस दिन उसका श्राद्ध कर सकता है। इसी कारण से सर्वपितृ अमावस्या को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है।
सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध विधि (Sarva Pitru Amavasya Shradh Vidhi)
1.सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध करने से पहले अपने सभी पित्तरों को याद करें। श्राद्ध में तिल, चावल, जौ आदि को अधिक महत्त्व दिया जाता है। इसलिए श्राद्ध में इन चीजों को विशेष रुप से सम्मिलित करें।
2.इसके बाद श्राद्ध को पितरों को भोग लगाकर किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं।
3.इसके बाद तिल और पितरों को पंसद चीजें उ्न्हें अर्पित करें। श्राद्ध में पितरों को अर्पित किए जाने वाले भोज्य पदार्थ को पिंडी रूप में अर्पित करना चाहिए।
4.श्राद्ध का अधिकार पुत्र, भाई, पौत्र, प्रपौत्र समेत महिलाओं को भी होता है।
5. अंत में कौओं को श्राद्ध को भोजन कराएं।क्योंकि कौए को पितरों का रुप माना जाता है।
सर्वपितृ अमावस्या 2022 तिथि (Sarva Pitru Amavasya 2022 Date)
25 सितंबर 2022
सर्वपितृ अमावस्या 2022 श्राद्ध मुहूर्त (Sarva Pitru Amavasya 2022 Shradh Muhurat)
कुतुप मूहूर्त - दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से 1 बजकर 11 मिनट तक
रौहिण मूहूर्त - दोपहर 1 बजकर 11 मिनट से दोपहर 2 बजे तक
अपराह्न काल - दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजकर 24 मिनट तक
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - शाम 5 बजकर 42 मिनट से (24 सितम्बर 2022)
अमावस्या तिथि समाप्त - अगले दिन शाम 5 बजकर 53 मिनट तक (25 सितम्बर 2022)
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