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When is Vishwakarma Puja in 2022: विश्वकर्मा पूजा 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

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When is Vishwakarma Puja in 2022


When is Vishwakarma Puja in 2022: विश्वकर्मा पूजा साल में दो बार की जाती है। पहली आश्विन मास के कृष्म की सप्तमी तिथि को और दूसरी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को। पुराणों के अनुसार संसार की सभी निर्जीव वस्तुएं विश्वकर्मा जी के ही आधिन आती हैं। इसी कारण से इस दिन विशेष रूप से दुकान, फैक्ट्री और वाहन आदि की पूजा की जाती है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं विश्वकर्मा पूजा 2022 में कब है (Vishwakarma Puja Mein Kab Hia), विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त (Vishwakarma Puja Shubh Muhurat), विश्वकर्मा पूजा का महत्व और विश्वकर्मा पूजा विधि (Vishwakarma Puja Importance and Vishwakarma Puja Vidhi)

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विश्वकर्मा पूजा का महत्व (Vishwakarma Puja Ka Mahatva)

भगवान विश्वकर्मा को सभी चीजों का निर्माता माना जाता है। इन्हें देवताओं का शिल्पकार भी माना जाता है। पुराणों के अनुसार माना जाता है विश्वकर्मा जी को संसार की सभी निर्जीव वस्तुओं का निर्माता माना जाता है। इस संसार की जिस भी वस्तु में प्राण नहीं वह विश्वकर्मा जी के ही आधीन आती हैं चाहें वह दुकान, मकान, फैक्ट्री या कोई भी अन्य चीज ही क्यों न हो। कई पुराणों में बताया गया है कि विश्वकर्मा जी ने ही सोने की लंका, भगवान कृष्ण की द्वारिका नगरी, स्वर्गलोक में इंद्र का सिंहासन और इंद्रप्रस्थ का भी निर्माण किया था। 

इसके अलावा भगवान शिव के त्रिशुल के निर्माण भी विश्वकर्मा जी के द्वारा ही किया गया था। सुदामा की कुटिया को राजमहल बनाने का काम भी विश्वकर्मा जी ने ही किया था। इसलिए आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को विशेष रूप से विश्वकर्मा जी की पूजा की जाती है। इस दिन विशेष रूप से दुकान, वाहन मशीन और फैक्ट्री आदि की भी पूजा की जाती है। 

विश्वकर्मा पूजा विधि (Vishwakarma Puja Vidhi)

1.विश्वकर्मा पूजा के दिन साधक को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए। 

2. इसके बाद एक चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कर कर उसे शुद्ध कर लें और फिर उस पर एक कोरा लाल रंग का वस्त्र बिछाएं।

3.चौकी पर कपड़ा बिछाने के बाद अष्टदल कमल बनाकर उस पर कलश की स्थापना करें। 

4. इसके बाद सात तरह के अनाजों की ढेरी बनाएं और उस पर भगवान विष्णु और विश्वकर्मा जी की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें।

5.तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करने के बाद भगवान विष्णु और विश्वकर्मा जी का रोली से तिलक करें। 

6. तिलक के बाद उन्हें अक्षत, फूल, चंदन, धूप, अगरबत्ती , दही , रोली, सुपारी ,रक्षा सूत्र, मिठाई, फल आदि अर्पित करें।

7.इन सभी चीजों को अर्पित कनरे के बाद 'ॐ आधा र शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:', 'ॐ अनन्तम नम:', 'पृथि व्यै नम: मंत्र का जाप करें।

8.मंत्र जाप के बाद विश्वकर्मा जी की कथा पढ़ें अथवा सुनें और फिर उनकी आरती उतारें।

9. आरती के बाद उन्हें मिठाई का भोग लगाएं।

10. इसके बाद अपनी दुकान, मशीन और फैक्ट्री की भी करें और यदि संभव हो तो इस दिन इनसे किसी भी प्रकार का काम न करें।

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विश्वकर्मा पूजा 2022 तिथि  (Vishwakarma Puja 2022 Date)

17 सितंबर 2022

विश्वकर्मा पूजा 2022 शुभ मुहूर्त (Vishwakarma Puja 2022 Shubh Muhurat)

अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 26 मिनट से दोपहर 1 बजकर 15 मिनट तक 

विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रान्ति का क्षण - रात 10 बजकर 06 मिनट

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