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Gopashtami 2022 Kab Hai: गोपाष्टमी 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

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Gopashtami 2022 Kab Hai


Gopashtami 2022 Kab Hai: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का त्योहार (Gopashtami Festival) मनाया जाता है। इस दिन गायों की विशेष रूप से पूजा की जाती है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने गायों को चराया था तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं गोपाष्टमी 2022 में कब है (Gopashtami 2022 Mein Kab Hai), गोपाष्टमी का शुभ मुहूर्त (Gopashtami Shubh Muhurat), गोपाष्टमी का महत्व और गोपाष्टमी की पूजा विधि (Gopashtami Importance and Gopashtami Puja Vidhi)

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गोपाष्टमी का महत्व (Gopashtami Ka Mahatva)

गोपाष्टमी को हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। इस दिन गायों की विशेष रूप से पूजा की जाती है। वहीं इस दिन कुछ लोग गाऊशाल में भी जाकर गायों की पूजा करते हैं। गायों को इस दिन तिलक करके उन पर गंगालजल छिड़का जाता है और फिर उन्हें फूलों की माला पहनाई जाती है। 

इसके बाद उन्हें गुड़ और केले प्रसाद के रूप में खिलाए जाते हैं और अंत में उनकी धूप व दीप से आरती उतारी जाती है। लेकिन इससे पहले भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है और उसके बाद ही गायों की पूजा की जाती है। माना जाता है कि गाय भगवान श्री कृष्ण को अत्याधिक प्रिय है।

गाय के अंदर सभी देवी-देवताओं का भी वास माना जाता है। इतना ही नहीं गाय की सेवा से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। गोपाष्टमी पर कई जगहों पर सत्संग और भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। इस दिन लोग मंदिरों में जाकर भगवान श्री कृष्ण की दर्शन करते हैं और गायों की परिक्रमा करके उनके साथ चलते हैं। 

गोपाष्टमी की पूजा विधि (Gopashtami Puja Vidhi)

1. गोपाष्टमी के दिन साधक को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करने चाहिए। 

2. इसके बाद गाय और बछड़े को भी स्नान कराना चाहिए और यदि आप ऐसा न कर सकें तो गाय और बछड़े पर गंगाजल अवश्य छिड़कें।

3. गाय और बछड़े को स्नान कराने के बाद गाय को हल्दी से लेप करना चाहिए और गाय को सजाना चाहिए।

4.इसके बाद गाय की सींग पर भी हल्दी लगानी चाहिए। इसके बाद गाय के बछड़े को भी इसी प्रकार से सजाना चाहिए।

5.इसके बाद गाय और बछड़े का तिलक करके उन्हें फूलों की माला पहनानी चाहिए और उन्हें फल, नैवेद्य, चने की दाल आदि अर्पित करनी चाहिए और दोनों के गले में घंटी बांधनी चाहिए।

6. इसके बाद गाय और बछड़े का धूप व दीप से विधिवत पूजन करना चाहिए।

7. इसके बा द गाय और उसके बछड़े को फल, गुड़,चने की दाल और लड्डू आदि खिलाना चाहिए।

8. इसके बाद गाय की परिक्रमा करनी चाहिए और भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करना चाहिए।

9. गाय की परिक्रमा करने के बाद कुछ दूर तक गाय के साथ चलना चाहिए या फिर गाय को आगे चलाकर आप उनसे पीछे चलें।

10. गोपाष्टमी के दिन अन्नकूट भंडारा भी किया जाता है। इसलिए यदि संभव हो तो इस दिन अन्नकूट भंडारा भी अवश्य करें।

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गोपाष्टमी 2022 तिथि (Gopashtami 2022 Date)

1 नवंबर 2022

गोपाष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त (Gopashtami 2022 Shubh Muhurat)

अष्टमी तिथि प्रारम्भ -  शाम 3 बजकर 41 मिनट से (31 अक्टूबर 2022)

अष्टमी तिथि समाप्त - अगले दिन दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक (1 नवंबर 2022)

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