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Kali Puja 2022 Date and Time: काली पूजा 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

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Kali Puja 2022 Date and Time


Kali Puja 2022 Date and Time: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली के त्योहार (Diwali Festival) पर न केवल भगवान गणेश और मां लक्ष्मी (Lord Ganesha and Goddess Laxmi) बल्कि मां काली की भी पूजा (Goddess Kali Puja) की जाती है। इस दिन मां काली की पूजा मध्यरात्रि में की जाती है। दिवाली की रात्रि को सिद्धि की रात्रि माना जाता है। इसलिए इस दिन कई लोग विशेष रूप से मां काली की पूजा करके अपने मनोरथ सिद्ध करते हैं तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं काली पूजा 2022 में कब है (Kali Puja 2022 Mein Kab Hai), काली पूजा का शुभ मुहूर्त (Kali Puja Shubh Muhurat), काली पूजा का महत्व और मां काली की पूजा विधि (Kali Puja Importance and Goddess Kali Puja Vidhi)

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काली पूजा का महत्व (Kali Puja Ka Mahatva)

दिवाली के दिन पूरे भारत में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लेकिन पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम में इस दिन भगवान गणेश और लक्ष्मी जी के साथ-साथ मां काली की भी पूजा की जाती है। इस दिन मां काली की पूजा मध्यरात्रि में की जाती है। माना जाता है कि दिवाली के दिन मां काली की पूजा करने से विशेष सिद्धियों की प्राप्ति होती है।इसी कारण से इस दिन लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मां काली की पूजा करते हैं। 

दिवाली के दिन की जाने वाली इस पूजा को श्यामा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। । पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम के लोगों के लिए तो यह दिन काफी खास होता है। क्योंकि इस दिन यहां के लोग मां काली की विशेष पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। शास्त्रों के अनुसार दिवाली की रात को सिद्धि प्राप्त करने की रात माना जाता है। इसलिए इस दिन कई तांत्रिक भी मां काली पूजा करके उन्हें प्रसन्न करते हैं।

मां काली की पूजा विधि (Maa Kali Ki Puja Vidhi)

1. दिवाली के दिन मां काली की पूजा मध्यरात्रि में की जाती है। इसलिए स्नान दिन शाम के समय स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें और तब ही मां काली की पूजा करें।

2. इसके बाद एक साफ चौकी लेकर उस पर गंगा जल छिड़कें और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर मां काली की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

3.मां काली की प्रतिमा स्थापित करने के बाद उन्हें वस्त्र,श्रृंगार, फल, फूल,माला आदि अर्पित करें और तेल का दीपक जलाकर उनकी विधिवत पूजा करें।

4. इसके बाद मां काली की कथा सुनें और पढ़ें। कथा को पढ़ने के बाद मां का ली की धूप व दीप से आरती उतारें

5. अंत में मां काली को मिठाई का भोग लगाएं और उनसे पूजा में हुई कि सी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें।

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काली पूजा 2022 तिथि (Kali Puja 2022 Date)

24 अक्टूबर 2022

काली पूजा 2022 शुभ मुहूर्त (Kali Puja 2022 Shubh Muhurat)

काली पूजा निशिता काल - रात 12 बजकर 14 मिनट से रात 1 बजकर 7 मिनट तक (25 अक्टूबर 2022) 

अमावस्या तिथि प्रारम्भ -  सुबह 07 बजकर 57 मिनट से (24 अक्टूबर 2022) 

अमावस्या तिथि समाप्त - अगले दिन सुबह 6 बजकर 48 मिनट तक (25 अक्टूबर 2022) 

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