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Diwali 2022: 25 अक्टूबर को इस समय से पहले उठाना होगा लक्ष्मी जी का पाटा

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Diwali 2022

 Diwali 2022: खुशियों के त्यौहार दीपावली (Deepawali Festival) पर लक्ष्मी पूजन (Laxmi Pujan) के बाद लक्ष्मी जी का पाटा (Laxmi Ji Pata) अगले दिन की बजाए उसी रात सूर्योदय से पहले उठाना होगा। दीपावली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी और 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) है जिसका सूतक काल सुबह 4:15 मिनट से आरंभ हो जाएगा। इसी कारण लक्ष्मी जी का पाटा 25 अक्टूबर को सूर्योदय से 2 घंटे पूर्व उठाना होगा।

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पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर  के निदेशक  ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि लक्ष्मी पूजन के बाद दूसरे दिन सूर्योदय से 2 घंटे पहले ही लक्ष्मीजी का पाटा उठाना होगा। दीपावली पूजन के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा, इसी दिन तड़के 4.15 बजे सूर्य ग्रहण का सूतक लग जाएगा। ऐसे में इससे पहले ही लक्ष्मी पूजन का पाटा उठाना होगा। 

चतुर्दशी युक्त प्रदोष व्यापनी अमावस्या पर 24 अक्टूबर को दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। लक्ष्मी पूजन के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होगा, इसी दिन तड़के 4.15 बजे ग्रहण का सूतक लग जाएगा। इसके बाद लक्ष्मी पूजन की सामग्री आदि अशुद्ध हो जाएंगे।

Diwali 2022: सूतक में लक्ष्मी का पाटा नहीं रखा जा सकता

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार लक्ष्मी पूजन का पाटा सूर्य ग्रहण के सूतक से पहले उठाना होगा। सूतक में लक्ष्मी का पाटा नहीं रखा जा सकता है, सूतक के दौरान लक्ष्मी पूजन की सामग्री, भोग आदि अशुद्ध हो जाएंगे। लक्ष्मी पूजन के देवताओं के आह्वान किया जाता है, उन्हें भी सूतक से पहले ही विसर्जित किया जाएगा।

Diwali 2022: सूर्य ग्रहण के सूतक से पहले विसर्जन

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि धर्म शास्त्रों और ज्योतिष विद्वानों की बात माने तो सूतक के दौरान सभी चीजे अपवित्र हो जाती है। ऐसे में इस बार लक्ष्मी पूजन का पाटा व पूजन सामग्री का विसर्जन सूर्य ग्रहण के सूतक से पहले 25 अक्टूबर को तड़के 4.15 के पहले उठाना पडेगा। सूतक के दौरान लक्ष्मी पूजन के प्रसाद, धान्य व कपड़े आदि पूजन की सामग्री अपवित्र हो जाएगी और प्रसाद और पूजन सामग्री किसी को दान देने योग्य नहीं रहेंगे।

सूतक तड़के 4.15 बजे से प्रारंभ

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि खण्डग्रास सूर्य ग्रहण समस्त भूमंडल पर दोपहर 2.28 बजे से प्रारंभ हो जाएगा। ग्रहण का मध्यकाल शाम 4.30 बजे होगा, जबकि ग्रहण समाप्त शाम 6.32 बजे होगा। ग्रहण की बात करें तो ग्रहणकाल 4 घंटा 30 मिनट रहेगा। वहीं जयपुर में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 4.32 बजे होगी। हालांकि इससे पहले ही तड़के 4.15 बजे से सूतक लग जाएगा। जयपुर में शाम 4.32 बजे सूर्यग्रहण प्रारंभ होगा, शाम 5.50 बजे सूर्यास्त होगा। यानी 51.77 प्रतिशत सूर्यग्रहण होने से शाम 5.33 बजे आधा बिंब 50 प्रतिशत ही चमकीला दिखेगा।

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Diwali 2022: 25 अक्टूबर को प्रभावी रहेगा सूतक काल

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य ग्रहण के समय सूतक काल प्रभावी हो जाता है। सूतक काल सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। 26 अक्टूबर को ग्रहण भारत में दोपहर 4.30 बजे से लगना शुरू हो जाएगा। ऐसे में सूतककाल 12 घंटे पहले लगेगा। इस कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। सूतक काल में शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

Diwali 2022: क्या है सदियों से चली आ रही परंपरा

कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि लोक परंपरा के अनुसार लक्ष्मी पूजन का पाटा कुछ लोग दूसरे दिन उठाते है तो कुछ लोग भैयादूज पूजने के बाद लक्ष्मीजी का पाटा उठाते है। हालांकि इस बार दीपावली पूजन के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को खण्डग्रास सूर्यग्रहण होने से दूसरे दिन सूर्य ग्रहण के सूतक से पहले ही लक्ष्मीजी का पाटा उठाना पड़ेगा।

Diwali 2022: लक्ष्मी पाटा उठाने का मुहूर्त

24 अक्टूबर 2022

शुभ अमृत का चौघड़िया

मध्य रात्रि 1:47 से प्रातः 3:55 तक

Diwali 2022: गोवर्धन पूजा पर सूर्य ग्रहण का असर

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि खंडग्रास सूर्य ग्रहण के चलते पांच दिवसीय दीपोत्सव छह दिवसीय हो जाएगा। खंडग्रास सूर्य ग्रहण का असर गोवर्धन पूजा पर होगा। इस बार 150 से अधिक सालों बाद परंपरा टूटेगी और दीपावली के दूसरे दिन गावर्धन पूजा नहीं होगी। हालांकि दीपावली पूजा पर ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं होगा है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को गर्म तासीर के व्यंजन बाजरा, चावल, मूंग और मोठ सहित कच्चे भोजन का भोग लगाया जाता है, जो दिवाली के दूसरे दिन नहीं लगेगा। इस बार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को होगी।

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